बांसवाड़ा शहर के नक्षत्र मॉल मुक्ता ए -2 सिनेमाघर में रविवार से चल रही फिल्म फूले देखने के लिए उमड़ रही है दर्शकों की कतारे


बांसवाड़ा|सोमवार को ओबीसी अधिकार मंच के संयोजक तथा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नरेश पटेल ने 50 महिलाओं को यह फिल्म पे बैक टू सोसाइटी के तहत निशुल्क दिखाकर महिलाओं का हौसला बुलंद किया। दर्शकों ने बॉलीवुड के डायरेक्टर अनंत नारायण महादेवन की फिल्म “फूले” के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि फिल्म “फूले” आने वाले समय में बॉलीवुड के महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में याद की जाएगी। दर्शकों ने ज्योतिबा फुले का रोल निभा रहे प्रतीक गाँधी तथा सावित्री फूल का रोल निभा रही पत्ररेखा की खूब सराहना की।दर्शिका दक्षा भावसार ने कहां की फिल्म “फुले” ने महिला का सम्मान किया है, यह फिल्म हर महिला को देखनी चाहिए। वर्षा भावसार ने कहा कि हर महिला को “फूले” फिल्म से प्रेरणा लेकर नारी शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए । यशी भावसार ने कहा कि हर महिला को स्वावलंबी होना चाहिए तथा प्रत्येक अभिभावक को अपनी बेटी के विवाह से पहले उसकी शिक्षा के लिए रुपया एकत्रित करना चाहिए । शिक्षा व्यक्ति को पूर्ण और स्वालंबी बनाती है।शिक्षा नारी का संवैधानिक अधिकार है। रीना कलाल ने कहा कि सावित्री फुले के बारे में सुना और पढ़ा था लेकिन आज “फुले” मूवी में देखा और जाना भी । फूले दंपति की प्रेरणा से मैं आज आगे बढ़ी हूं। एल एल बी की छात्रा मंजुला पाटीदार ने “फुले” फ़िल्म में महिला शिक्षा को लेकर सावित्री फुले और ज्योतिबा फुले का आपसी संवाद बहुत अच्छा है और पति पत्नी के सामंजस्य से ही जीवन आगे बढ़ सकता है। योगिता बहन ने कहा कि समाज और विवाहित दंपति को आगे बढ़ाने में पति-पत्नी यानि महिला पुरुष दोनों का बराबर योगदान होता है जिसे “फुले” फिल्म ने चरितार्थ किया।ओबीसी अधिकार मंच के नगर अध्यक्ष लक्ष्मीकांत भावसार ने सहयोग करते हुए कहा कि फिल्म “फुले” आज भी प्रासंगिक हैं। समाज में आज भी पूर्व की भांति परिस्थितियों विद्यमान है समाज में उक्त बुराइयों और कुरीतियों के लिए सर्व समाज की महिलाओं और पुरुषों को यह फिल्म अवश्य देखनी चाहिए।

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