बांसवाड़ा।अरुण जोशी। भारत आदिवासी पार्टी का अनुसूचित क्षेत्र आरक्षण महासम्मेलन संपन्न। बांसवाड़ा के कॉलेज खेल मैदान में मंगलवार को भारत आदिवासी पार्टी का आरक्षण की मांग को लेकर महासम्मेलन चौरासी विधायक एवं लोकसभा प्रत्याशी राजकुमार रोत के मुख्य आतिथ्य में और राष्ट्रीय सदस्य कांति भाई रोत की अध्यक्षता धरियावद विधायक थावरचंद डामोर, आसपुर विधायक उमेश डामोर के आतिथ्य में संपन्न हुआ। सम्मेलन में भारत आदिवासी पार्टी का संभाग स्तरीय आदिवासी समाजजन हजारों की संख्या में उपस्थित हुए। सम्मेलन में सभी वक्ताओं ने आदिवासी क्षेत्र में आर्टिकल 244 (1) 5वीं अनुसूची के अनुरूप आरक्षण की व्यवस्था लागू करने पर जोर दिया। आदिवासी क्षेत्र में शासन प्रशासन और समस्त व्यवस्थाएं 5वीं अनुसूची अनुरूप ही होनी चाहिए। आदिवासी क्षेत्र में लागू विधि अनुसार केवल आदिवासी समुदाय के लिए ही विशेष अधिकारों का प्रावधान किया जा सकता है पर 2013 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों को केवल 45 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की और 55 प्रतिशत सीट दूसरे समुदाय के लोगो के लिए खुली छोड़ दी यह 5वीं अनुसूची के संवैधानिक प्रावधानों का खुला उलंघन है। आदिवासी क्षेत्र में संविधान लागू होने के बाद आदिवासी क्षेत्र के बाहरी निवासियों को सद्भावि मूलनिवासी का सर्टिफिकेट देकर स्थानीय का लाभ दिया जा रहा है वह पूर्णतया असंवैधानिक है और आदिवासी समुदाय इसका विरोध करता है। आदिवासी क्षेत्र में किसी भी प्रकार की व्यवस्था लागू करने से पूर्व आर्टिकल 244 (1) को ध्यान में रखना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता राहुल भूरिया ने बताया कि सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौरासी विधायक और बांसवाड़ा- डूंगरपुर लोकसभा से भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार राजकुमार रोत ने कहा कि भारत आदिवासी पार्टी आदिवासी क्षेत्र के संवैधानिक अधिकारों को विधानसभा और लोकसभा में उठाकर लागू करवाने के लिए ही बनी है। हम पिछले 75 वर्षो तक इंतजार करते रहे कि उच्च सदनों में कांग्रेस भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टिया हमारी आवाज उठाएगी पर दोनो ही राष्ट्रीय पार्टिया असफल रही है इसलिए भारत आदिवासी पार्टी के साथ समस्त भारत का आदिवासी जुड़ रहा है। रोत ने कहा कि बांसवाड़ा संभाग के आदिवासी समुदाय को विश्वास दिलवाता हूं कि आदिवासी की ओर क्षेत्र की आवाज बन कर लोकसभा में जाऊंगा। मैंने ईमानदारी से विधानसभा में आदिवासी क्षेत्र की आवाज उठाई है अब अगर आदिवासी क्षेत्र के मतदाता मुझे लोकसभा में जाने का अवसर देते है तो मैं आदिवासी क्षेत्र के मुद्दो को लोकसभा में उठाऊंगा और 5वीं अनुसूची लागू करने के लिए देश में वातावरण निर्माण करूंगा।
सम्मेलन को आसपुर विधायक उमेश डामोर ने संबोधित किया और कहा कि कांग्रेस भाजपा के विधायक केवल आदिवासी के नाम से आए बजट को कैसे उड़ाया वह वही जानते है। आदिवासी समाज के अधिकारों को नही जानते है और जानना भी नहीं चाहते है। भारत आदिवासी पार्टी पहली बार आदिवासी के संवैधानिक अधिकारों की बात कर रही है। उन्होंने माही बांध का पानी गुजरात को नहीं देकर आदिवासी क्षेत्र को देने की बात की। भारत आदिवासी पार्टी सरकार को माही बांध का पानी उदयपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और चित्तौड़गढ़ तक पहुंचाने का दबाव बनाएगी। धरियावद विधायक थावरचंद डामोर ने कहा के आदिवासी क्षेत्र में आदिवासी युवाओं को राज्य प्रशासनिक सेवाओं में 12% कोटा में से 6.5% प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। भारत आदिवासी पार्टी सरकारों को आदिवासी युवाओं के अधिकार देने के लिए सरकारों को मजबूर करेगी। सम्मेलन को राष्ट्रीय सदस्य कांति भाई आदिवासी ने संबोधित किया और कहा कि आदिवासी क्षेत्र में सभी अधिकारी कर्मचारियों को भीली बोली की जानकारी होना अनिवार्य होना चाहिए। राजस्थान लोक सेवा आयोग में बहुत अधिक भ्रष्टाचार हो रहा है। आदिवासी क्षेत्र का प्रथक भर्ती बोर्ड होना चाहिए। आदिवासी क्षेत्र में स्वर्ण खदानों की नीलामी तत्काल रुकनी चाहिए और सभी स्वर्ण खदाने आदिवासियों के नाम आवंटित होनी चाहिए। सभा को भारत आदिवासी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमेश मईडा, राष्ट्रीय सदस्य प्रो. मणिलाल गरासिया, जयकृष्ण पटेल, हेमंत राणा, अशोक निनामा, राजेंद्र आमलियार, जिलाध्यक्ष जगदीश डामोर, माया कलासुआ, प्रभूलाल कटारा, पोपट खोखरिया, आशुतोष रोत, बालू भील, सागर कटारा, प्रधान राजू मईड़ा, प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश डामोर, राधेश्याम चरपोटा, राकेश डेंडोर, मनोहर कमोल ने संबोधित किया। संचालन बहादुर निनामा और हीरालाल दामा ने किया। यह जानकारी पार्टी प्रवक्ता राहुल भूरिया ने दी।