जांबाज सिपाही ने जान की परवाह किए बिना बुजुर्ग महिला की बचाई जान

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जांबाज सिपाही ने अपनी जान की परवाह किए बिना घर में दीपक से लगी बुजुर्ग महिला की बचाई जान

सवाई माधोपुर, 16 अगस्त। 8 अगस्त का दिन था न्यू मार्केट श्रीजी मंदिर सवाई माधोपुर शहर के पास स्थित तुलाराम नामा के घर सामान्य दिनों की तरह ही शाम को तुलसी के पौधे में उनकी पत्नी ने दीपक जलाया था। किसी को क्या पता था सामान्य से दीपक में जल रही बाती से पर्दा आग पकड़ लेगा। पर्दे में लगी आग से मकान के प्रथम तल पर रखे सामान ने आग पकड ली।
मकान से धुंआ और आग की लपटे बाहर निकलने लगी तो मौहल्ले में हड़कंप मच गया। पड़ौसी ने तत्काल इसकी सूचना सवाई माधोपुर शहर चौकी इंचार्ज थाना कोतवाली जितेन्द्र सिंह ए.एस.आई. को दी, तो वह तुरन्त कॉस्टेबल पवन सिंह दागोर एवं महेश कुमार के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने इसकी सूचना अग्निशमन प्रभारी को भी दी, परन्तु तंग गलिया होने के कारण अग्निशमन वाहन का पहुंचना संभव न था। ऐसी परिस्थिति में उन्होंने प्रथम तल पर सीढ़ी लगाकर देखा और मौका मुआयना किया। परन्तु किसी भी प्रकार से अन्दर पहुंचना संभव न था। वे अपनी जान की परवाह न करते हुए सीढ़ियों से ऊपर गए और प्रथम तल पर स्थित साइड गेट था उसको तोड़कर वे जब अंदर घुसे को देखा की धुंआ ही धुंआ है और आग की लपटे उठ रही हैं। अगर आग पर काबू न पाया गया तो आग से अन्य पड़ोसियों के मकान में आग लगने की संभावनाएं थी और पट्टी का मकान होने के कारण पट्टिया गर्म होने के कारण तड़क कर टूट भी सकती थी और बिजली आपूर्ति के कारण बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने सर्व प्रथम मकान की विद्युत सप्लाई को बन्द किया।

शहर चौकी इंचार्ज थाना कोतवाली ए.एस.आई. जितेन्द्र सिंह

जनसहयोग से पानी डालकर आग पर काबू पाया और तोलिया गीला कर खिड़कियों के कांच जो कि आग के कारण बहुत गर्म हो चुके थे उन्हें तोड़ा। वहीं पास में ही 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला मंडूरी देवी पलंग पर लेटी धुंआ के कारण जोर-जोर से खांस रही थी, बुजुर्ग महिला को चौकी प्रभारी जितेन्द्र सिंह ने पड़ोसी की छत पर शिफ्ट किया।
इस प्रकार जांबाज पुलिस अधिकारी की सूझबूझ से न सिर्फ बड़ा हादसा टला, बल्कि बुजुर्ग महिला की जान भी बच सकी। उनके इस कारनामे से प्रसन्न होकर जिला पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अगरवाला ने उनका नाम स्वतंत्रता दिवस के जिला स्तरीय समारोह में सम्मानित किए जाने हेतु जिला प्रशासन को भेजा।
15 अगस्त भारत की स्वतंत्रता के जिला स्तरीय समारोह में जब उद्घोषक ने उनका नाम पुकारा तो उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गडगड़ाहट से उनका स्वागत किया।


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