शंकरगढ़ क्षेत्र में रायता की तरह फैल रहा है जहरीले दूध का कारोबार
यूरिया उर्वरक रिफाइंड लिक्विड केमिकल सोडा आदि मिलावट कर दूध की गुणवत्ता से छेड़खानी करने वाले लोगों पर कब होगी कार्यवाही
प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। जिले में दूध की कमी होने के बाद बाहर जनपद के लोग बड़ी तादाद में यहां से दूध खरीद कर गैर जनपदों की फैक्ट्री में भेज रहे हैं जिन पर रोक लगाई जाने की मांग क्षेत्र के लोगों ने शासन प्रशासन से की है। सूत्रों की माने तो शंकरगढ़, बारा क्षेत्र मे इन दिनो दूध के कारोबारियों ने जमकर मिलावट खोरी कर दूध तैयार कर रहे हैं केमिकल उर्वरक रिफाइन्ड लिक्विड केमिकल सोडा इत्यादि मिलाकर जहरीला दूध जनता को परोसा जाता है और खाद्य विभाग आंख मूंद कर तमाशबीन बना हुआ है। जबकि खाने पीने की वस्तुओं की गुणवत्ता शुद्धता बरकरार रखने के लिए सरकार ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है लेकिन अपनी जिम्मेदारी से खाद्य विभाग के अधिकारी दूर भागते दिख रहे हैं खाने पीने के सामानों में मिलावट खोरी का खेल बेखौफ तरीके से हो रहा है। होटल, ढाबा ,मिठाई की दुकानों से लेकर जगह-जगह पर खाने पीने के सामानों में मिलावट खोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं हालांकि सरकारी अभिलेखों में इन मामलों को दर्ज करने की बजाय फूड विभाग के अधिकारी सिस्टम के तहत काम कर मिलावटखोरों को राहत दे रहे हैं। जिले में दूध का काला कारोबार तेजी से फैल रहा है जहरीले दूध की बिक्री बेखौफ तरीके से हो रही है जहरीले दूध पीकर गरीब से अमीर तक चपरासी से अफसर नेता तक गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। फैटी लीवर ,किडनी ,हार्ट अटैक ,लकवा ,ब्लड प्रेशर ,ब्लड कैंसर पाचन संबंधी रोग सहित जैसे विभिन्न गंभीर बीमारियों से आम जनमानस बीमार हो रहा है। अस्पतालों में बढ़ते मरीजों की संख्या इसका प्रमाण है लेकिन जहरीले दूध के काले कारोबार पर रोक लगाते फूड विभाग के अधिकारी दिखाई नहीं पड़ रहे है जो जांच का विषय है इतना ही नहीं दूध के काले कारोबार में मशीन लगाकर दूध की पौष्टिकता क्रीम को निकाला जा रहा है जिससे बाजार में बिकने वाले दूध की पौष्टिकता खत्म हो जाती है। लेकिन आम जनमानस जहरीले दूध और बेहतर दूध में फर्क नहीं समझ पाते और अज्ञानता के चलते आम जनमानस जहरीला दूध पीने को विवश है। हाला कि जहरीले दूध के काले कारोबार में लगे लोगों से साठगाँठ करके खाद्य विभाग के अधिकारी मोटे जरूर हो गए हैं।