बौंली, बामनवास। शुक्रवार को सवाई माधोपुर के रणथंभोैंर सवाई विलास होटल में मध्य प्रदेश राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के वन अधिकारियों व 22 जिलों के वन जिला अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें तीन प्रदेश के 22 जिलो की करीब 2हजार किलोमीटर एरिया को मिलाकर देश का सबसे बड़ा चीता- कॉरिडोर बनाने को लेकर चर्चा के बाद निर्णय लिया गया। बैठक में राजस्थान के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, मध्य प्रदेश के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक, क्षेत्रनिदेशक मुकुंदरा चीता प्रोजेक्ट, शिवपुरी के संचालक वन मंडल अधिकारी, कूनो राष्ट्रीय उद्यान शोपुर, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि एवं भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान कूनो पार्क से राजस्थान की सीमा से सटे इलाकों को जोड़कर चीता कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू की गई। बैठक में 22 जिलों के वन अधिकारी व चीफ वाइल्ड वार्डन जुटे थे जिन्होंने चीतों को खुले जंगल में छोड़ने जिले की सीमा से बाहर जाने पर उनकी देखरेख करने एवं व्यवस्थित भोजन व्यवस्था सहित अन्य विषयों पर विस्तृत चर्चा कर प्लान तैयार करने की योजना बनाई। इस मामले को लेकर राजस्थान सरकार ने चीता लैंडस्केप को लेकर घोषणा की थी इस मुद्दे को लेकर राजस्थान व मध्य प्रदेश के वन अधिकारी बैठक कर चुके हैं लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया था। देश में 7 दशक बाद वापस लौटे चीतों को बसाने के लिए जलवायु से अनुकूलता पाने के बाद खुले जंगल में छोड़ने जिससे व बाघ पैंथर व अन्य वन्य प्राणियों की तरह रह सके इसको लेकर वन अधिकारियों ने सामूहिक रूप से चर्चा की। रणथंभौर टाइगर नेशनल पार्क के डीएफओ रामानंद भाकर ने बताया कि चीतों के संरक्षण को लेकर शुक्रवार को रणथंभौर के सवाई विलास होटल में चर्चा के बाद योजना तैयार की जा रही है। सन 1930 तक हाडोती वन क्षेत्र के जंगलों में चीते मिला करते थे चीता कॉरिडोर प्रोजेक्ट में राजस्थान के धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर,बाहरी, झालावाड़, कोटा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा यह 10 जिले एवं मध्य प्रदेश के झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच, अगरमालवा, राजगढ़, गुना, शिवपुरी शोपुर, व मुरैना की सीमा लगती है उत्तर प्रदेश के झांसी व ललितपुर इस कॉरिडोर प्रोजेक्ट में शामिल है। वन्य प्राणी चीता का वजन करीब 35 से 65 किलो तक होता है इसकी उम्र 10 से 12 वर्ष होती है यह अक्सर दिनमें ही अपना शिकार करते हैं चीता वन प्राणियों में सबसे तेज दौड़ने वाला माना जाता है यह 1 घंटे में 100 किलोमीटर तक दौड़ लगा सकता है।