दशा माता व्रत उत्सव का पर्व आज 4 अगस्त हरियाली अमास से प्रारंभ होकर दस दीन तक होंगे धार्मिक अनुष्ठान

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कुशलगढ, बांसवाड़ा।अरुण जोशी। दशा माता व्रत उत्सव गुजरात के आषाढ़ वद अमास (हरियालीअमास) रविवार से प्रारंभ हो रहा है। जिससे पूरे जिले की बहनों में धार्मिक माहौल कायम हो गया। शनिवार को जिले के सभी केंद्रों पर दशा माता की प्रतिमा, संधि और पूजन के लिए बहनों की भीड़ बाजारों में उमड़ पड़ी। व्रत को लेकर शनिवार- रविवार दो दिनों में अच्छा कारोबार होगा। कुशलगढ शहर में चिपचिपी मिट्टी से बनी विभिन्न आकृतियों की दशामा मूर्तियां 200 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक बिक रही हैं। जिसमें संधानी,शंख,शिवलिंग, कमल,भैंसे पर बैठी दशमाता वाली मूर्तियों की मांग देखी गई है। आज से शुरू होने वाले माताजी के व्रत में मोहल्ले-मोहल्ले, गांव-गांव और शहर-शहर दशमां के गुण गाए जाएंगे।दशामाता की पूजा का पर्व 4 अगस्त हरियाली अमास से प्रारंभ होकर दस दीन तक होंगे धार्मिक अनुष्ठान। इस दिन दशा माता की कथा पढ़ने से दस गुना अधिक फल मिलता है। दशा माता की पूजा और कथा पढ़ने से घर में सुख समृद्धि आती है,परिवार के सदस्यों की ग्रह दशा ठीक रहती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दशा माता मां पार्वती का ही स्वरूप है। दशा माता का व्रत, घर-परिवार के बिगड़े ग्रहों की दशा और परिस्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए किया जाता है। परिवार में सुख-समृद्धि, शांति, सौभाग्य और धन संपत्ति बनी रहे। पुरुष एवं महिलाएं दस दिन तक उपवास रखती हे। और दशा माता की पूजा कर सौभाग्य, ऐश्वर्य, सुख-शांति और अच्छी सेहत की कामना करती हैं।


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