शहर में ठंडा शर्बत पिला कर की सेवा, सिक्ख यूथ ग्रुप खालसा सेवा संस्थान द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित
भीलवाडा।सिक्ख पंथ के पांचवें गुरू, शहीदों के सिरताज, साहिब गुरू अर्जनदेव महाराज का पावन शहीदी दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सचिव ऋषिपाल सिंह ने बताया कि इस अवसर पर गुरूद्वारा साहिब सिन्धुनगर में विशेष धार्मिक आयोजन हुए प्रातः 8 बजे श्री अखंड पाठ साहिब की समाप्ति हुई, उपरान्त ज्ञानी करनैल सिंह एवं ज्ञानी सुखबीर सिंह ने कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। ज्ञानी जी ने आज के इतिहास की जानकारी देते हुए बताया कि गुरूनानक देव जी द्वारा संस्थापित सिक्ख पंथ की लोकप्रियता उस समय के क्रूर शासक जहांगीर से सहन नहीं हुई और उसने गुरू अर्जन देव जी को असहनीय यातनाऐं देकर सन् 1606 में लाहौर में शहीद करवा दिया। गुरूजी ने हमें परमात्मा की रजा में राजी रहने का उपदेश दिया।’’तेरा कीआ मीठा लागे, हर नाम पदारथ नानक मांगे।’’श्री गुरू अर्जन देव जी ने सुखमनी साहिब जी की बाणी लिखी एवं श्री गुरू ग्रंथ साहिब की सम्पादना की जिसमें सिक्ख गुरूओं के साथ-साथ कई भगतों एवं महापुरूषों की बाणी भी शामिल की। 10 बजे सामूहिक अरदास के उपरान्त प्रसाद वितरित हुआ एवं ठण्डे मीठे जल (शर्बत) की छबील लगाकर सेवा की गई। इस अवसर पर सिक्ख संगत द्वारा श्री गुरु अर्जनदेव जी महाराज की शहादत को याद करते हुए शहर में जगह जगह ठंडा शर्बत पिला कर सेवा की गई। इस पावन दिवस पर सिक्ख यूथ ग्रुप खालसा सेवा संस्थान द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित कर सेवा की गई। संस्थान द्वारा 57 यूनिट रक्त दान हुआ। महात्मा गांधी चिकित्सालय और अरिहंत हॉस्पिटल के बल्ड बैंक टीम के सहयोग से शिविर आयोजित किया गया। संस्थान के जानिश सिंह, पवनीत सिंह, निश्चलजीत सिंह, बलधीर सिंह, मनजोत सिंह, मोहित पारवानी, अमन सिंह, सुप्रीत सिंह, इंशुप्रीत सिंह, साहिब सिंह शिविर में उपस्थित थे। अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह सोनी ने बताया कि इस पावन अवसर पर संगत द्वारा पिछले कई दिनों से लगातार सुखमनी साहिब के पाठ किए जा रहे हैं। शाम 7.30 बजे से विशेष कीर्तन के दीवान सजाए गए। समाप्ति के उपरान्त स्त्री सत्संग सभा की ओर से गुरू का लंगर अटूट वितरित हुआ। कार्यक्रम में गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के इकबाल सिंह, गुरप्रीत सिंह, गौरव नागपाल, जसमीत सिंह, श्रवण सिंह, मनिंदर सिंह, मनप्रीत सिंह, दर्शन सिंह ने समूह संगत का धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया।