भीलवाड़ा के नाथद्वारा सराय झूलेलाल कॉलोनी स्थित दादा हेमराजमल भगत झूलेलाल सनातन मंदिर में महंत दादा गोविंदराम भगत की पहली पुण्यतिथि श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाई गई। इस अवसर पर सिंधी समाज के श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर दिवंगत महंत को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत दादा गोविंदराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण और श्रद्धा सुमन अर्पित करने से हुई, जिसमें उनके ज्येष्ठ पुत्र और मंदिर के वर्तमान महंत टेऊंराम भगत, मंघाराम सहित परिवार के अन्य सदस्यों और सिंधी समाज के प्रमुख लोगों ने भाग लिया।
मीडिया प्रमुख मूलचंद बहरवानी ने बताया कि भजन संध्या में प्रसिद्ध गायक कलाकार बाबू लाल शर्मा, पप्पू भगत और हेमंत भगत ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी को भाव-विभोर कर दिया। भजनों के माध्यम से दादा गोविंदराम भगत की भक्ति और उनके प्रेरणादायी जीवन का स्मरण किया गया। श्रद्धालु भजनों की मधुर धुनों में खो गए, जिससे पूरे मंदिर परिसर में भक्तिमय माहौल बन गया।
कार्यक्रम के दौरान मंदिर के महंत टेऊंराम भगत ने दादा गोविंदराम की निस्वार्थ सेवा को याद करते हुए कहा कि वे जीवन भर भगवान झूलेलाल की भक्ति में रमे रहे और समाज के उत्थान के लिए समर्पित रहे। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष गुलशन कुमार विधानी और सचिव हरीश सखरानी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दादा के जीवन की महानता का बखान किया। उन्होंने कहा कि दादा गोविंदराम समाज के मार्गदर्शक और झूलेलाल के परम भक्त थे, जिनका आशीर्वाद हमेशा सिंधी समाज पर बना रहेगा।
कार्यक्रम के धार्मिक अनुष्ठानों में आरती और पल्लव का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने सहभागिता की। अंत में प्रसादी का वितरण हुआ, जिसमें सभी ने श्रद्धा से भोजन ग्रहण किया। मंदिर समिति की ओर से यह भी बताया गया कि इस तरह के धार्मिक आयोजन समाज को एकजुटता का संदेश देते हैं और नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं।
इस मौके पर वीरूमल पुरसानी, हीरालाल गुरनानी, कैलाश कृपलानी, रामचंद्र खोतानी, चंद्रप्रकाश सामतानी, महेश खोतानी, सुरेश लोंगवानी, कमल वैशनानी, आसनदास लिमानी, भगवंती भगत, अशोक टिक्यानी, किशोर गुरनानी, अशोक केवलानी, चीजन फतनानी, ताराचंद डॉडवानी, किशोर गुरनानी, पुरुषोत्तम परियानी, हरीश लखवानी, ओम गुलाबानी, रमेश पमनानी, अशोक धीरवानी, टेकचंद टीक्यानी समेत सिंधी समाज के सैकड़ों स्त्री-पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा ही नहीं अपितु आस पास के जिलों में दादा गोविंदराम भगत की सेवाओं और उनके द्वारा दिए गए संस्कारों का असर आज भी समाज में कायम है। उनके अनुयायियों ने इस दौरान संकल्प लिया कि वे दादा के दिखाए गए मार्ग पर चलकर समाज और धर्म की सेवा जारी रखेंगे।