जयपुर 29 नवम्बर। एशिया की सबसे बड़ी कालोनियों में शुमार धर्म नगरी जयपुर के मानसरोवर, न्यू सांगानेर रोड़ स्थित इंजीनियर्स कॉलोनी के एम ब्लॉक में 13 दिसंबर 2023 से नवनिर्माणाधीन शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। जो अब तक आधे से अधिक बनकर तैयार हो गया है। शुक्रवार को निर्माणाधीन जिनालय में नवीन वेदी भूमि का शिलान्यास आचार्य शंशाक सागर महाराज ससंघ सानिध्य एवं बाल ब्रह्मचारी धर्मचंद शास्त्री (गुरुग्राम) व जिनेश भैया (चीकू) के निर्देशन में किया गया।
250 गज में बन रहे मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर बने बड़े हाल में नवीन वेदी भूमि का शिलान्यास किया गया है जो 5 फीट चौड़ी होगी और सवा 3 इंच ऊंचाई रखी जाएगी, जिनालय जब पूरा तैयार हो जाएगा तब भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के साथ जिन बिम्ब प्रतिमाओं को इस वेदी पर विराजमान किया जाएगा।
अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि शुक्रवार को प्रातः 6.30 बजे से श्रद्धालुओं द्वारा चौत्यालय में विराजमान भगवान शांतिनाथ के कलशाभिषेक और शांतिधारा की गई और नित्य नियम पूजन किया गया। इसके पश्चात नवीन जिनालय में वेदी भूमि का शुद्धि संस्कार और प्रतिष्ठा धर्मचंद शास्त्री के निर्देशन में संपन्न की गई। इस दौरान मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं ने नवीन वेदी भूमि शिलान्यास का अष्ट द्रव्यों के साथ पूजन किया और अर्घ चढ़ाएं। प्रातः 10.30 बजे आचार्य शंशाक सागर महाराज वरुण पथ दिगंबर जैन मंदिर से विहार कर स्वर्ण पथ, न्यू सांगानेर रोड़, स्वर्ण गार्डन होते हुए इंजीनियर्स कॉलोनी के नवीन जैन मंदिर में प्रवेश संपन्न हुआ, जहां पर कमलचंद छाबड़ा, पुष्पेंद्र जैन पचेवर वाले, अशोक बोहरा, मनीष जैन, महावीर जैन परिवार सहित विभिन्न श्रावक और श्राविकाओं ने आचार्य की पाद प्रक्षालन और आरती कर मंगल अगवानी की। इसके बाद सभा का आयोजन हुआ और आचार्य द्वारा संबोधन दिया गया और मंदिर में वेदी के महत्व पर श्रद्धालुओं को आशीर्वचन दिए।
बिट्टू ने बताया कि वेदी भूमि शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान आचार्य शंशाक सागर महाराज के सानिध्य में मुख्य आधार शिला स्थापित करने का सौभाग्य राजकुमार ठोलिया हिंगोनिया परिवार, आधार शिला गुणमाला, दिवाकर-शिल्पी जैन चितोड़ा परिवार, बेंगलौर, मुख्य रजत कलश स्थापना चिरंजीलाल कांतादेवी, सुनील सेठी प्रताप नगर परिवार, इसके अतिरिक्त पांच कोणों के कलश सुधीर रेणु पाटनी, मोहनलाल आशा, मनोज नीलू पाटनी परिवार सहित 5 परिवारों ने स्थापित करने का सौभाग्य प्राप्त किया। इस अवसर पर स्वर्ण शिला मंगलचंद, नेमीचंद, पारस, महावीर छाबड़ा मधुवन कॉलोनी को स्थापित करने का अवसर मिला। इसके साथ ताम्र पत्र चढ़ाने का अवसर विमल पिंकी पाटनी प्राप्त हुआ। इसके साथ ही अनिल बोहरा परिवार, शरद ममता सेठी, मनोज इंद्रा सोगानी, महावीर प्रसाद महेश पाटनी सहित भूमि दानदाता कमलचंद तारा देवी, सीए मनीष निशा, सपन रजनी, रवि रितु छाबड़ा परिवार और इन्होंने परिवारजनों व समाजसेवी पुष्पेंद्र अशोक जैन पचेवर वाले द्वारा वेदी भूमि शिलान्यास पूजन में भाग लिया। 21 परिवारों की 21 महिलाओं ने वेदी भूमि पर रतन वृष्टि करने का सौभाग्य अर्जित किया। इस अवसर पर प्रमोद बाकलीवाल, शशांक जैन, सुरेशचंद जैन बांदीकुई वाले, हेमेंद्र सेठी, लोकेश सोगानी, सतीश कासलीवाल, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित हुए।
कार्यक्रम के दौरान आचार्य शंशाक सागर महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि जल को जल समझने वाले तो बहुत है किंतु जल को गन्दोधक समझते बहुत कम है क्योंकि यह संस्कारों का प्रभाव है जो अच्छी शिक्षा से वंचित है क्योंकि एक जल वो है जिससे प्राणी नहाता है तो भी जल कहलाता है और एक जल वो है जिससे तीर्थंकर भगवानों के कलशाभिषेक होते है जो गंधोदक बन जाते है जिसे हम अपने मस्तक पर लगाते है। जिनालय संस्कारों का केंद्र है जिसके प्रति आस्था रखने वाले अच्छी शिक्षाओं को धारण करते है और जिनालय और वेदियों का निर्माण करवाते है वो सौभाग्यशाली होते है जो जिनालयों का निर्माण करवाते है यह सौभाग्य आज इंजीनियर्स कॉलोनीवासियों को प्राप्त हुआ है वह सभी साधुवाद के पात्र है।