राजस्थान सरकार की संवेदनशील पहल, पालनहार योजना से संवर रहा है वंचित बच्चों का भविष्य


सवाई माधोपुर, 11 अप्रैल। राजस्थान सरकार की पालनहार योजना निराश्रित एवं वंचित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। सवाई माधोपुर निवासी उर्मिला, जिनके पति सूरज कुमार का निधन हो गया था, अकेले अपने तीन बच्चों की परवरिश करने में असमर्थ थीं। आर्थिक तंगी और अकेलेपन में जीवन की चुनौतियाँ कई गुना बढ़ गई थीं।
ऐसे कठिन समय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित पालनहार योजना ने उनकी सहायता की। उर्मिला ने विभागीय पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया और सभी वांछित दस्तावेजों की पूर्ति उपरांत उन्हें योजना के अंतर्गत पात्रतानुसार उनके तीनों बच्चों के पालन पोषण के लिए 4 हजार 500 प्रतिमाह की नियमित सहायता राशि मिलनी प्रारंभ हो गई।
इस आर्थिक सहयोग से अब उनके बच्चों को नियमित शिक्षा, पोषण और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति हो रही है। उर्मिला ने सरकार के इस संवेदनशील प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना केवल वित्तीय मदद नहीं, बल्कि उनके जीवन में आशा और आत्मबल का संचार है।
उप निदेशक मीना आर्य ने बताया कि योजना अन्तर्गत पेंशन की पात्र विधवा माता के बच्चे, विशेष योग्यजन माता/पिता के बच्चे सिलिकोसिस पीड़ित माता/पिता के बच्चे, एचआईवी एड्स से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, आजीवन कारावास अथवा मृत्यु दंड से दंडित माता/पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता/परित्यकत्ता महिला के बच्चे, 10 विशेष श्रेणियों में 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को 750 रुपये तथा 7 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को 1500 रुपये प्रतिमाह अनुदान राशि तथा अनाथ बच्चों की श्रेणी में 0 से 18 वर्ष आयु के बच्चो को 2500 रूपये प्रतिमाह की राशि से लाभान्वित किया जाता है। साथ ही कपड़े, जूते, मौजे व पुस्तकों के लिए वर्ष में एक बार 2 हजार रूपए का एकमुश्त अनुदान का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में जिले में कुल 8 हजार 139 पालनहारों 2 करोड़ 50 लाख रूपये का लाभ प्रदान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में संचालित पालनहार योजना वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है। यह योजना उन परिवारों को संबल देती है जो कठिन परिस्थितियों में अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं।


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