नाव को रस्सी के सहारे पार करना मौत को दावत देने का खेल बदस्तूर जारी

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यमुना नदी में पीपा का पुल नहीं बनने से हो रही फजीहत

नाव को रस्सी के सहारे पार करना मौत को दावत देने का खेल बदस्तूर जारी

प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। दो जनपदों को जोड़ने वाला यमुना नदी में अभी तक पीपा का पुल ना बनना सिस्टम पर सवालिया निशान उठना लाजमी है जनपद के प्रतापपुर यमुना नदी घाट से कौशांबी जिले के जोड़ने वाले घाट को मां मसूरियन धाम मेला प्रारंभ होने से पहले ही बन जाया करता था प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मार्गशीर्ष के महीने में 1 माह तक चलने वाले मेले का आगाज तो हुआ मगर श्रद्धालुओं को मां के दरबार तक पहुंचने के लिए अपनी जान को भी जोखिम में डालना पड़ रहा है। अगर बात की जाए मेले तक पहुंचने के लिए तो कौशांबी जनपद से यमुना नदी पर बने पीपा का पुल से दूरी बहुत कम हो जाती थी मगर पीपा पुल न बनने की वजह से लोगों को नाव के सहारे यमुना नदी पार करना जान जोखिम में डालना है। क्षमता से अधिक नाव पर दो पहिया वाहन काभार लादकर अंजाम दिया जा रहा है किसी की भी जान चली जाए इससे ठेकेदार को कोई फर्क नहीं पड़ता है। नाव को रस्सी के सहारे लोगों को नदी पार कराना मौत को दावत देने के बराबर है। ऐसे में श्रद्धालुओं को प्रयागराज की 100 किलोमीटर की परिक्रमा करके मसूरियन धाम पहुंचने के लिए दूरी तय करनी पड़ती है।


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