जेल प्रशासन का खेल, टोंक जेल चौथ बसूली का आरोपी नियम विरुद्ध पहुंचा ओपन जेल : राजा भईया


क्या है खेल, नियम विरुद्ध आखिर कैसे पहुंचा टोंक जेल चौथ बसूली का आरोपी ओपन जेल : राजा भईया

जेल प्रशासन की मिली भगत का खेल टोंक जेल चौथ बसूली के आरोपी को कैसे मिली ओपन जेल : राजा भईया

जेल प्रशासन का खेल, टोंक जेल चौथ बसूली का आरोपी नियम विरुद्ध पहुंचा ओपन जेल : राजा भईया

टोंक जेल चौथ बसूली प्रकरण मे एक बार फिर जेल प्रशासन को कटगरे मे खड़ा कर दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट राजेन्द्रसिंह तोमर राजा भईया ने बड़ा खुलासा करते हुए राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव और जेल महानिदेशक महोदय को शिकायती पत्र भेज कर टोंक जिला जेल मे हवालाती बंदियों से अबैध चौथ बसूली करने वाले मुख्य आरोपी मेघराज को नियम विरुद्ध जेल प्रशासन की मिली भगत से ओपन जेल भेजनें का मामला उजागर किया है, उन्होने प्रेस नोट और भेजे गये शिकायती पत्र की प्रतियां पत्रकारों को देते हुए बताया की उनकी ही शिकायत पर टोंक जिला जेल मे आजीवन कारावास की सजा काट रहे सजा बन्दी मेघराज जाट व उसके साथियों के विरुद्ध तत्कालीन जेल महानिरीक्षक श्री आलोक बशिष्ट की संस्तुस्टी पर जिला कलेक्टर टोंक की जाँच रिपोर्ट के आधार पर थाना कोतवाली टोंक मे मुकदम्मा स.130/2021 धारा 384/120 बी,34 भादस.के तहत दर्ज कराया गया था, क़ानून व नियमानुसार जब किसी भी जेल सजा बन्दी के विरुद्ध कोई अन्य आपराधिक प्रकरण दर्ज हो जाता है तो उसे उस प्रकरण के निस्तारण तक किसी भी रूप से ओपन जेल का लाभ नहीं दिया जा सकता ? परन्तु जेल प्रशासन के संबन्धित अधिकारियो की मिली भगत से उपरोक्त कैदी मेघराज के विरुद्ध गंभीर प्रकरण (हवालाती बंदियों से अबैध चौथ बसूली करना, उनके साथ मारपीट करना, आपराधिक षड्यंत्र रचना) दर्ज होने के बाबजूद भी उसे नियमविरुद्ध गैर कानूनी रूप से मिलीभगत कर ओपन जेल / ओपन फार्म पर जेल से बाहर भेजनें की ना सिर्फ संतुस्टी की गई बल्कि उसे ओपन जेल पर भेज भी दिया गया है!राजा भईया का यह भी कहना है कि आखिर इतना बड़ा गोल माल कैसे और किस के आदेश से हुआ है सरा सर नियम विरुद्ध एक सजा बन्दी के विरुद्ध जेल मे रहते एक अन्य गंभीर अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाबजूद आखिर कैसे उसे ओपन जेल भेजा गया, इस खेल मे जेल प्रशासन के कई बड़े बड़े अधिकारियो के शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता है!अब राजा भईया की पुनः शिकायतों से जेल प्रशासन मे खलवली मची हुई है ना जाने जेल प्रशासन के किस किस अधिकारि पर अब इस प्रकरण की गज गिरेगी, उनके द्वारा लगाई गईं आरटीआई की भी कोई सूचना जान बूझ कर इस प्रकरण मे जेल मुख्यालय द्वारा नहीं दी जा रही है? जिसके लिए उन्होंने अग्रिम कार्यवाही भी प्रारम्भ कर दी है!

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राजेन्द्रसिंह तोमर राजा भईया एडवोकेट दिल्ली हाई कोर्ट

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