श्रीमद् भागवत कथा में हुआ भव्य श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह

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डीग|अग्रवाल धर्मशाला डीग में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिवस की कथा में प्रसिद्ध भागवत प्रवक्ता पंडित श्री राजेंद्र कृष्ण उपाध्याय (बंसी वाले) ने अपनी अमृतमई वाणी में कथा की ऐसी रसधार बहाई कथा में पधारे सैकड़ो भक्त नाचते झूमते नजर आए व्यास जी ने बताया जीवन में सुख भी आएगा दुख भी आएगा मगर लगन के साथ अपना हर कार्य प्रभु को अर्पित करते हुए ही करना चाहिए मानव का मानव होना बड़ी बात नहीं है मानव में मानवीयता का होना बड़ी बात है श्रीमद् भागवत कथा के मध्य भगवान श्री कृष्ण द्वारा ब्रज गोपियों के साथ महारास लीला की पावन कथा का वर्णन किया गया व्यास जी ने कथा सुनाते हुए कहा की आत्मा और परमात्मा का मिलन ही रास है उद्धव चरित्र पर चर्चा करते हुए उपाध्याय जी ने बताया कि उद्धव परम ज्ञानी था परंतु प्रेम और भाव से रहित होने के कारण भगवान श्याम सुंदर को साधारण समझ बैठा गोपियों की कृष्ण भक्ति समर्पण को देखते हुए उद्धव के ज्ञान चक्षु खुल गए मानव को अपने जीवन में अहंकार नहीं करना चाहिए अहंकार विनाश का कारण बनता है जैसा कि कंस के साथ हुआ भागवत कथा में श्री रुक्मणि कृष्ण के सुंदर विवाह की पावन कथा सुनकर भक्त आनंद विभोर हो गए धूमधाम से श्याम सुंदर की बारात निकल गई एवं सभी भक्तों ने श्री रुक्मणी जी का पावन कन्यादान का लाभ प्राप्त किया श्री राधा वल्लभ मंदिर के महंत पंडित श्री मोहनलाल उपाध्याय एवं आचार्य विष्णु दत्त उपाध्याय ने वेद मित्रों का उच्चारण कर मंगल विवाह संपन्न कराया कथा के मुख्य यजमान श्रीमान श्री मानसिंह जीचौहान एवं उनके समस्त परिवार द्वारा पधारे हुए भक्तों का भव्य स्वागत किया गया कथा के मध्य व्यासपीठ का सम्मान करने पधारे शहर के प्रतिष्ठित लोग कथा में झूमते नाचते नजर आए भागवत प्रवक्ता श्री राजेंद्र कृष्ण उपाध्याय ने अपनी सरस वाणी से कथा सुनाकर जन-जन का हृदय जीत लिया कथा के मध्य पधारे संत महात्माओं का भी अभिनंदन दुपट्टा पहना कर चौहान परिवार द्वारा किया गया संगीत विशारद श्री राजेंद्र कृष्ण उपाध्याय के द्वारा गाए हुए भजनों पर दूर-दूर से पधारे भक्तगण भक्तिमय होकर नृत्य  करने लगे ।


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