औपचारिकता बनकर रह गई राजस्थान मिशन 2030 की बैठक
बयाना 29 अगस्त बयाना के पंचायत समिती सभागार में आयोजित की गई राजस्थान मिशन 2030 की बैठक आयोजकों की अदूरदर्शिता के चलते व कम्यूनिकेशन के अभाव में महज औपचारिकता तक सिमट कर रह गई। एसडीएम अमीलाल यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में तहसीलदार अमित शर्मा, नायब तहसीलदार ममता चौधरी एवं विकास अधिकारी जतनसिंह सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे बताएं राजस्थान सरकार की योजना के अनुसार यह बैठक वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश के अग्रणी व विकसित राज्यों में शामिल करने व आवश्यक सुझाव एवं योजनाओं पर चर्चा कर भविष्य के लिए जनकल्याणकारी व विकास योजनाऐं बनाने के लिए विभिन्न विभागांे के अधिकारीयों कर्मचारीयों व सेवानिवृत अधिकारीयों कर्मचारीयों, वकीलों, पत्रकारों, निर्वाचित जनप्रतिनिधीयों, आदि के साथ संवाद व चर्चा करने के मकसद से बुलाई गई थी। किन्तु आयोजकों की मनमानी व अदूरदर्शिता और कम्यूनिकेशन के अभाव के चलते सरकार के एजेंडे के अनुसार संबंधित लोगों को सूचना नही की जा सकी थी। जिससे बैठक में गिने चुने लोग ही उपस्थित हो सके। जिन्होंने कस्बे की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात कराने, बाईपास सडक का निर्माण कराने, पानी के संकट के निवारण व किसानों और पशुपालकों के उत्थान के लिए केन्द्र सरकार से ईआरसीपी परियोजना को मंजूरी दिए जाने व पांचनाबांध से गंभीर नदी में पानी छोडे जाने एवं राजस्व विभाग के नक्शों में आवश्यक संशोधन कराए जाने प्रतिबंधित वन क्षेत्रों व पहाडों में धडल्ले से खुलेआम हो रहे अवैध खनन की रोकथाम के प्रभावी उपाए करने के सुझाव देते हुए बताया गया कि इससे जंगलों व पर्यावरण को बडा खतरा पैदा हो रहा है। बैठक में वनविभाग की जमीनों को डीनॉटिफाई कराने व राजस्व विभाग के कामकाज को किसानों के हित में सुलभ और सरल बनाए जाने तथा राजस्वकर्मीयों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां कराने एवं बयाना कस्बे में ठप्प पडी नगरपालिका की सफाई व रोशनी व्यवस्था को सुचारू बनाए जाने और इसकी मॉनिटरिंग व ऑडिट के लिए प्रशासनिक स्तर पर निगरानी कमेटी का गठन कराने आदि के सुझाव दिए गए। बैठक में कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी जीतेन्द्र गर्ग, कार्यवाहक सीबीईओ रामलखन खटाना आदि भी मौजूद रहे।