कुशलगढ|बांसवाड़ा निवासी रोहित खाँट, चिराग भगोरा, अतुल मईड़ा, लोकेश डोडियार, रोशन मकवाना, वैभव गमार ने अपनी यात्रा बांसवाड़ा से 4 जून 2024 मंगलवार को शुरू की थी जो कि 16 जून 2024 वार रविवार को समाप्त हुई। इस यात्रा के दौरान युवाओं ने मशहूर वैज्ञानिक सोनम वांगचुक से मुलाकात कर “सेव लद्दाख” का संदेश उन तक पहुँचाया और उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया, दुनिया के सबसे ऊचे दर्रे उम्लिंगला समुद्र तल से ऊचाई 19024 फीट, खारडुंगला 18380 फीट, तांगलांगला 17480 फीट, बारालचा 16040 फीट, शिन्कुला 16580 फीट अपनी मोटरसाईकिल बुलेट से पार किए, इसके साथ ही ज़ंस्कार रेन्ज का पवित्र पहाड़ गोम्बो रंगजान, चीन बॉर्डर, पेन्गोंग झील, कारगिल, नुब्रा घाटी (ठण्डा रेगिस्तान), द्रांगद्रुंग ग्लेशियर, रिजाङ्गला वार मेमोरियल, हानले आदि देश के सीमावर्ती जगह की यात्रा की। यह जानकारी राहुल भूरिया ने दी।