तपस्या की पूर्णता देव, गुरु और धर्म की कृपा पर आधारित होती है: पुष्पा गोखरु


वर्षीतप अनुमोदन व चौबीसी का हुआ आयोजन, जैन कांफ्रेंस के नवनियुक्त पदाधिकारियो का भी किया अभिनंदन

भीलवाड़ा। साध्वी द्वय डॉ राज रश्मि व राज लक्षी म.सा. के वर्षीतप अनुमोदना चौबीसी का कार्यक्रम डॉ. राजमती म.सा. आदि ठाणा 4 के पावन सान्निध्य में आज मैंन सेक्टर शास्त्री नगर स्थित राजेंद्र पुष्पा गोखरू के निवास स्थान पर आयोजित हुआ। कार्यक्रम में वर्षीतप की तपस्या कर रही श्राविका अलका मनीष बम्ब, लाड मेहता, प्रतिमा बम्ब, मधु मेडतवाल, किरण सेठिया की भी तपस्या की अनुमोदना की गई। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से की गई। साध्वी राजमती मसा ने फरमाया की भगवान ऋषभ ने निरंतर तपस्या करते हुए वर्षीतप किया। वर्तमान काल को देखते हुए एकांतर उपवास कर यह तप किया जाता है। श्रीमती पुष्पा गोखरु ने कहा की वर्षीतप व्यक्ति को भीतर से जगाने का प्रयास है। तपस्या व्यक्ति के स्वस्थ रहने का राज है। जैन दर्शन में तप की बड़ी महिमा है तपस्वी की अनुमोदना करना व कराने का समान फल प्राप्त होता है। तपस्या की पूर्णता देव, गुरु और धर्म की कृपा पर आधारित होती है। तप की अनुमोदना करने से जिन शासन की प्रभावना होती है। कॉन्फ्रेंस के मनीष बम्ब ने बताया की कार्यक्रम के दौरान ऑल इंडिया स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस के नवनियुक्त पदाधिकारियों प्रांतीय प्रमुख मार्गदर्शक कंवरलाल सूर्या, जैन कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष आनंद चपलोत, राष्ट्रीय वरिष्ठ मार्गदर्शक भूपेंद्र पगारिया, प्रांतीय मंत्री राजेंद्र सुराणा, प्रमुख मार्गदर्शक पंकज सूर्या, दीपक सूर्या, अनुराग नाहर, अर्पित कोठारी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य लाड मेहता, मुकेश डांगी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती संतोष सिंघवी, राष्ट्रीय मंत्री निर्मला बूलिया, राष्ट्रीय जीव दया योजना अध्यक्ष कमला चौधरी का मेवाड़ी पगड़ी, जैन दुपट्टा पहनाकर स्वागत अभिनंदन किया गया। अमरसिंह डूंगरवाल, शरद चंद गोखरू, सुशील चपलोत, चंदा कोठारी, कांता चौधरी सिम्मी पोखरना ,प्रमिला सूर्या ,बसंता डागी, प्रमिला गोखरू, ममता सकलेचा, मधु विरानी, कुसुम पोखरणा, सरिता पोखरणा, कंचन देवी सकलेचा, प्रमिला सकलेचा, सोनल मेहता, प्रियंका चौधरी, खुशबु खटोड, मधु मेडतवाल, मोनिका सुरिया, चेतना चपलोत, प्रीति गुगलिया, आशा राका आदि उपस्थित थे।


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