बीमार गायों को नोच रहे जानवर
गौशाला में कई दिनों से मृत पड़ी गायों से उठ रही दुर्गंध अमानवीयता हो रही हदें पार
वैर-भुसावर उपखंड के गांव अलीपुर में स्थित श्री कालिया जीव जंतु गौ सेवा समिति में गौ सेवा के नाम पर गौ एवं गौवंश की दुर्दशा की जा रही है। भुसावर उपखंड की ग्राम पंचायत अलीपुर में स्थित कालिया गौ शाला में गौ शाला संचालक की अनदेखी और लापरवाही के कारण इन दिनों जीवित गौ वंश भूख प्यास के साथ ही जानवरो का निवाला बन रहे है। रोजाना भूख प्यास से एक दो गौ वंश बे मौत मर रहे है। गांव अलीपुर के लोगो ने बताया की गांव अलीपुर में पहाड़ की तलहटी में कालिया गौ शाला में गौ वंश की सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। वही गौ शाला में गौ शाला संचालक की ओर से मूक गौ वंश के लिए कोई चारे की व्यवस्था नही है। इन दिनों इस गौ शाला में भूख प्यास से गायों की रोजाना मृत्यु हो रही है। वही भूख प्यास से निढाल असहाय पड़े गौ वंश को आवारा जानवर कुत्ते आदि गौ शाला में जा कर नोच नोच कर अपना भोजन बना रहे है। लेकिन राज्य सरकार गौ वंश को लेकर कोई ध्यान नही दे रही है।
गौशाला में देखरेख के अभाव में जहां कई दिनों से मृत गायों के शवों से दुर्गंध उठ रही है। वही जीवित बीमार गायों को जानवर नोंच रहे हैं। यह सब देखते हुए भी उपेक्षा कर रहे गौशाला के संचालक अमानवीयता की हदें पार कर चुके हैं।
गौशाला में गायों को न तो समय पर चारा उपलब्ध है और ना ही पानी। बल्कि पूरी गौशाला में सफाई लेश मात्र भी नहीं है। वही कई स्थानों पर दलदल एवं कीचड़ बना हुआ है जिसमें गायें रहने को विवश है। कहीं गाय मृत पड़ी हुई हैं जिन्हें कौवे एवं कुत्ते नोच रहे हैं तो कहीं जीवित बीमार गायों को ही जानवर खा रहे हैं।
सांसे लेती हुई मौत की प्रतीक्षा कर रही बीमार गायों में किसी की आंख से खून बह रहा है तो जानवरों के नोचने से किसी के शरीर से खून बह रहा है।
ऐसे में ना तो गायों को समय से उपचार उपलब्ध हो रहा है और ना ही मृत गायों का दहासंस्कार किया जा रहा है।
सन 2000/ 2001 में पंजीकृत संस्था श्री कालिया जीव जंतु गौ सेवा समिति को गौ सेवा के लिए जुलाई 2008 में गौशाला की अनुमति प्राप्त हुई। ग्राम पंचायत द्वारा 25 बीघा सिवायचक भूमि में से 5 बीघा पर गौशाला की अनुमति दी गई।
समिति संचालक जसवंत पीटीआई ने समिति में ऐसे पदाधिकारी व सदस्य बनाए हुए है जिन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पदाधिकारी केवल हस्ताक्षर ही करते हैं। पदाधिकारी जल सिंह एवं सुरेश ने बताया कि उन्हें समिति में कोई सदस्य एवं पद होने की जानकारी नहीं है। उन्होंने लगभग 8 से 10 साल में कभी गौशाला देखी नहीं है। जल सिंह मीणा ने बताया कि वह कभी वहां मजदूरी करता था अब 8 से 10 साल से वह अपने गांव ही रहता है। जसवंत पीटीआई मनमानी पूर्वक व्यक्तिगत स्वार्थ हित पूरा करता हुआ गौ सेवा के नाम पर सरकारी फंड सहित चंदा इकट्ठा करता रहता है। गौशाला में गायों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। गौशाला में जबकि आसपास के सभी गांवों से मुफ्त चारा व चंदा राशि भी प्राप्त की जाती है। लेकिन उसका ना तो कोई रिकॉर्ड है और ना ही उनका सदुपयोग किया गया है।
गौशाला में गायों की दुर्दशा के बारे में जानकारी करने पर सरपंच अलीपुर रामवीर गुर्जर ने बताया कि सर्दियों में तो प्रतिदिन लगभग 15 गायों की मौत होती है। जिनके शव को अमानवीयता पूर्वक ट्रैक्टर में बांधकर घसीटते हुए ले जाकर पहाड़ी की तलहटी में गड्ढा खोद कर डाल देते हैं जिन्हें कुत्ते नोंचते रहते हैं। रविवार को गायों की हो रही दुर्दशा की जानकारी प्राप्त कर कामधेनु गौ सेवा समिति दांतिया के सदस्य गौशाला पहुंचे तो उन्हें गौशाला में अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। बल्कि कुछ भी कर लेने की धमकी दी गई। गायों की समय-समय पर जांच करने को नियुक्त पशु चिकित्सक डॉ विजय पहाड़िया ने बताया कि, गौशाला में गोवंश की दुर्दशा की पहले भी शिकायतें मिल चुकी हैं। जिस कारण समिति का सरकारी फंड भी पिछले दो बार से रुका हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रभारी चिकित्सक द्वारा जांच की जाती है लेकिन विगत कई दिनों से किसी ने भी गौशाला में कोई जांच नहीं की है। इधर सरपंच रामवीर गुर्जर ने बताया कि उन्होंने उच्चाधिकारियों को गोवंश की दुर्दशा के बारे में बताया था। तब सख्ती करने पर टीन सेड आदि लगाए गए थे। इस बाबत गौशाला संचालक जसवंत पीटीआई से वास्तविकता पता करने का प्रयास किया तो उन्होंने अपना मोबाइल बंद कर लिया।
जब इस बारे ने उपखंड अधिकारी हेमराज गुर्जर से बात की तो उन्होंने स्थिति देखकर गौशाला संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा।