तो निकली आसमान से तेज धूप, 34 घंटे के बाद बांध से पानी की निकासी की बंद, फसलें हुई चौपट
बयाना 13 सितंबर। बयाना क्षेत्र में कई दिनों से चल रहा बारिश का दौर शुक्रवार को थमने पर आसमान से दिनभर तेज धूप निकली। जिससे बारिश से परेशान लोगों ने सुकून की सांस ली है। हालांकि मौसम विभाग की ओर से अभी तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है। जिसे लेकर प्रशासन व जल संसाधन विभाग सहित सभी विभाग अलर्ट मोड पर हैं। इधर बयाना क्षेत्र में तेज व लगातार बारिश के दौर के चलते बयाना उपखंड और भरतपुर जिले का सबसे बड़ा बांध बंध बरैठा बांध के उफान मारने पर
बांध में से 34 घंटे तक लगातार पानी की निकासी करने के पश्चात शुक्रवार को इस बांध के गेट फिर से बंद कर दिए गए हैं। और दो दिन से बयाना बसेड़ी स्टेट हाईवे पर अवरुद्ध यातायात भी फिर से सुचारू हो गया है। इधर इस बांध से कुकुंद नदी में लगातार और भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण कुकुंद नदी के तटीय इलाकों के कई गांव जलमग्न हो गए हैं और खेतों में पानी भर जाने से फसलें चौपट हो गई हैं। गांव सूपा, नारौली ,पुरा बाई खेड़ा ,बंध बरैठा ,कोठी खेड़ा, आदि गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के खेतों में यह पानी भर जाने से फसलें चौपट हो गई हैं ।कई जगह आबादी क्षेत्रों में यह पानी भर जाने से ग्रामीणों का जनजीवन व आवागमन प्रभावित हुआ है। गांव सूपा के अर्ध निर्मित स्टेडियम व निर्माणाधीन बिजली घर में भी पानी भर गया है।
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता दशरथ सिंह ने बताया कि बारिश के बाद बंध बारेठा बांध में पानी की भारी आवक होने पर इस बांध का एक गेट गत 11 सितंबर की देर शाम को खोला गया था इसके बाद बंद में लगातार बरसाती पानी की भारी आवक को देखते हुए 12 सितंबर को इस बांध के एक साथ पांच गेट खोलकर पानी की निकासी कर कुकंद नदी में छोड़ा गया था।
शुक्रवार को बारिश का दौर रुकने पर इस बांध के गेट फिर से बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग की ओर से अभी भारी बारिश होने की चेतावनी को देखते हुए बांध पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। इस बांध की कुल भराव क्षमता 29 फुट अर्थात 1860 एमसीएफटी बताई गई है। फिलहाल इस बांध का जल स्तर 26.50 फुट पहुंचने पर गेट बंद कर दिए गए हैं और पानी की आवक लगातार धीमी गति से बनी हुई है। उन्होंने बताया कि इस बांध के गेटों को खोलकर करीब 1400 एमसीएफटी पानी की निकासी की जा चुकी है। और अब बांध में लगभग 1600 एमसीएफटी पानी है।
वहां के ग्रामीणों की माने तो उनके जीवन में यह पहला मौका है जब इस बांध से लगातार इतने पानी की निकासी करनी पड़ी है।
आपको बता दें कि वर्ष 1892 में भरतपुर रियासत के तत्कालीन महाराजा की ओर से बनवाए गए इस बांध से खेतों की सिंचाई के अलावा भरतपुर जिला मुख्यालय के लिए भी पेयजल की आपूर्ति की जाती है। वही इस बांध में बड़े पैमाने पर मछली पालन भी किया जाता है।