व्यक्ति के दुखों का कारण उसके संसार के प्रति आशक्ति है-संत दिवेश राम
अंतरराष्ट्रीय श्रीराम सनेही संप्रदाय की मुख्य पीठ रामनिवास धाम शाहपुरा में चल रहे चातुर्मासीय सत्संग के अंतर्गत मंगलवार को संत दिवेश राम महाराज ने अपने प्रवचन में कहा व्यक्ति के दुखों का मुख्य कारण उसकी संसार के प्रति आशक्ति है। वर्तमान जीवन में मनुष्य साधनों से प्रेम और संबंधों का प्रयोग करता है। जो कि भ्रमित होती मानसिकता का परिणाम है। इसके निवारण के लिए महापुरुषों ने त्याग कि शेषता श्रेठ्ता का होना प्राणी मात्र के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने कहा जब तक हम अपनी शांति की खोज संसार में मौजूद साधनों में करते रहेंगे तब तक परिणाम में दुख निराशा ही हाथ लगेगी। इसलिए आवश्यक है कि जीवात्मा अपने इष्ट के प्रति निष्ठावान होकर संसार में कर्तव्य पालन करते हुए जीवन को सुख एवं शांतिमय बनाएं इसी संदर्भ में रामस्नेही संप्रदाय के जन्मदाता महाप्रभु स्वामी रामचरण महाराज ने बहुत ही सुंदर भाव से अपनी अनुभव वाणी में देते हुए कहा है कि भजीय रमता राम कू गुण इंद्रिय मनजीत रामचरण यह मोक्ष पंथ और सकल विपरीत है।