नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल से मात्र लगभग 5 किलोमीटर के आसपास बसा यह खंडर कुछ वर्षों पूर्व एक आवसीय मकान के रुप में जाना जाता था। जिसमें नगर पालिका के कर्मचारी अपने परिवार के साथ गाय आदि के साथ रहते थे। जब से यह मकान जला वह आजतक निर्माण के लिए तरस रहा है।
यहाँ पाइंस शमशान घाट में शव का दाह संस्कार करने वालों के लिए जो लोग आते थे। और जो सीमेंट के आराम दायक सीढ़ी नुमा बनाये हैं।
उनको थोडा विश्राम कर चाय, पानी आदि की सुविधा उपलब्ध हो जाती थी।
जो खंडर के बगल में एक छोटा सा कमरा दिख रहा है। उसी में चाय आदि बनाने की
व्यवस्था की जाती है।
पर कुछ माह पूर्व यह मकान आग की भेंट चढ़ गया। यहाँ रहने वाले नगर पालिका कर्मचारी अन्यत्र कहीं चले गए।
तब से आज तक कोई भी निर्माण कार्य नही किया गया।
जिससे यहाँ शव का दाह संस्कार करने आये लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मजे की बात यह है इस निर्माण कार्य के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि , व सामाजिक कार्यकर्ता आवाज उठाने को तैयार नही है। जबकि सभी को इस मकानकीआवश्यकता है। क्योंकि यहाँ अल्प विश्राम मिल जाता था। यह खँडहर बन गया मकान नगर पालिका परिषद के अधीन है।