साल भर में ही ध्वस्त हो गई पुलिया पर बनी सड़क


गुणवत्ता पर सवाल ग्रामीणों ने जताया आक्रोश

शिवराजपुर शंकरगढ़ के बीच पुलिया निर्माण कार्य में गुणवत्ता की तस्वीरें कर रही बयां

पावर प्लांट से निकले रद्दी राखड़ का किया गया था सड़क निर्माण में इस्तेमाल

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर शिवराजपुर चौराहा से शंकरगढ़ की ओर जाने वाली सड़क पर सावित्री हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर के पास क्षतिग्रस्त नवनिर्मित पुलिया का नवनिर्माण सालभर पहले करवाया गया था। बता दें कि गिट्टी बालू की जगह पीपीजीसीएल पावर प्लांट से निकल रहे रद्दी राखड़ का ठेकेदार व जेई के जुगलबंदी से इस्तेमाल किया गया था जिसका कोई भविष्य ही नहीं है। उस वक्त क्षेत्रीय लोगों ने आशंका जताते हुए कहा था कि निकट भविष्य में वाराणसी व गुजरात के पुल जैसी पुनरावृत्ति देखने को ना मिले। उस समय निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य में अनियमितता बरतने और ध्वस्त पुलिया पर सड़क बनाने के मामले को लेकर क्षेत्रीय लोगों ने विरोध भी किया था लेकिन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।लोगों ने संबंधित विभाग के आला अधिकारियों का ध्यान मीडिया के माध्यम से निर्माण कार्य के वक्त आकृष्ट करवाया था। मगर समय रहते ध्यान न देकर मामले को ठंडा बस्ते में डाल दिया गया। उसका नतीजा यह है कि अब पुलिया के बीच की सड़क धंस गई है। पुलिया की सड़क धंसकर गड्ढे में तब्दील हो गई है। सड़क के धंसने से यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है जिसे नकारा नहीं जा सकता ग्रामीणों ने बताया कि लगभग साल भर पहले पुलिया बनाई गई है। खतरनाक गड्ढा पिछले कुछ दिनों से जानलेवा बना हुआ है। बताया गया कि काफी समय से यह गड्ढा इसी तरह मौजूद रहकर मुस्तैदी से अपनी हाजिरी दे रहा है। इस गड्ढे ने कई लोगों से पंगा लिया और उनको बीच सड़क ही नंगा कर दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि बेचारे राहगीर अपनी राहों से भटक कर चिकित्सालय पहुंच गए जहां तोहफे के रूप में इस गड्ढे ने उन्हें मलहम पट्टी करवाया। इसके बावजूद भी शासन प्रशासन और संबंधित निर्माण विभाग के लोगों का शायद इस ओर ध्यान नहीं गया। जबकि इस मार्ग से तमाम शासन प्रशासन के लोग आवागमन करते हैं और नजर अंदाज कर देते हैं। तमाम क्षेत्रवासियों ने संबंधित विभाग के आला अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करवाते हुए पहरा दे रहे इस गड्ढे से निजात पाने की गुहार लगाई है।