अक्षय तृतीया पर पूर्ण हुई वर्षीतप की साधना, तपस्वियों ने किया इक्षुरस से पारणा


पारणे से पूर्व वर्षीतप आराधकों का निकाला वरघोड़ा, उमड़े श्रावक-श्राविकाएं

शांतिभवन में धर्ममय माहौल में अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव का आयोजन

भीलवाड़ा|अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर शुक्रवार को श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ शांतिभवन के तत्वावधान में अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव धर्ममय माहौल में साध्वी मण्डल के सानिध्य में मनाया गया। वर्षीतप की साधना पूर्ण होने पर प्रवचन के बाद 44 तपस्वियों को इक्षुरस से पारणा कराया गया। पारणा महोत्सव की शुरूआत शुक्रवार सुबह 6.15 बजे राजेन्द्र मार्ग रोड स्थित लक्ष्मी पैलेस से वर्षीतप आराधक तपस्वियों के सम्मान में वरघोड़ा निकाले जाने के साथ हुई। सुबह 9 बजे से प्रवचन में शासन प्रभाविका राजस्थान प्रवर्तिनी साध्वी शिरोमणी पूज्य यशकंवरजी म.सा. की सुशिष्या सेवाभावी महासाध्वी पारसकंवरजी म.सा., उप प्रवर्तिनी साध्वी मैनाकंवरजी म.सा., महासाध्वी मधुकंवरजी म.सा., साध्वी कांताकंवरजी,साध्वी प्रतिभाकंवरजी, साध्वी पुष्पलताजी, साध्वी सुप्रभाजी, साध्वी मणिप्रभाजी, साध्वी कमलप्रभाजी, साध्वी ज्योतिप्रभाजी, साध्वी सुमनप्रभाजी, साध्वी डॉ.चिंतनश्रीजी, साध्वी रूचिकाश्रीजी, साध्वी मुदिताश्रीजी म.सा. आदि ठाणा का सानिध्य प्राप्त हुआ। प्रवचन में उप प्रवर्तिनी मैनाकंवरजी म.सा. ने कहा कि अक्षय तृतीया का प्रसंग भगवान ऋषभदेव को श्रेयांसकुमार द्वारा इक्षुरस से पारणा कराने से भी जुड़ा है। वर्षीतप की आराधना करने वाले तपस्वियों के साथ तपस्वी को पारणा कराने का लाभ लेने वाले भी अनुमोदनीय है। जो तपस्या नहीं कर सकते वह तपस्वी की अनुमोदना तो कर ही सकते है। तपस्या करने से तन ओर मन दोनों निर्मल हो जाते और आत्मशुद्धि होती है। धर्मसभा में महासाध्वी मधुकंवरजी म.सा., साध्वी मणिप्रभाजी म.सा. आदि ने भी धर्मसंदेश प्रदान करते हुए तपस्वियों की अनुमोदना करते हुए कहा कि तपस्या कर्मनिर्जरा का श्रेष्ठ माध्यम है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी महावीरसिंह चौधरी ने तपस्वियों की अनुमोदना करते हुए कहा कि तपस्या करने वालों का सम्मान का अवसर भाग्य से ही प्राप्त होता है। स्वागत उद्बोधन शांतिभवन श्रीसंघ के अध्यक्ष महेन्द्र छाजेड़ ने किया। समारोह के मुख्य अतिथि समाजसेवी मीठालाल सिंघवी थे। विशिष्ट अतिथि हेमन्तकुमार आंचलिया, लक्ष्मणसिंह बाबेल थे। स्वागत गीत शांति जैन महिला मण्डल ने प्रस्तुत किया। संचालन शांतिभवन श्रीसंघ के मंत्री सुशील चपलोत ने किया। समारोह में नगर परिषद की पूर्व सभापति मंजू पोखरना, भूपेन्द्र पगारिया, अशोक पोखरना, मुकेश डांगी, श्रवणसिंह खारीवाल, हेमंत बाबेल, प्रदीप पारख, महावीर बापना बीगोद, मूलचंद डांगी माण्डलगढ़, सुशील सुराणा बेंगू आदि भी मौजूद थे। प्रवचन के बाद वर्षीतप आराधकों का शांतिभवन श्रीसंघ के पदाधिकारियों द्वारा बहुमान किया गया। बहुमान करने वालो में शांतिभवन श्रीसंघ के अध्यक्ष महेन्द्र छाजेड़, उपाध्यक्ष ललित बाबेल, मंत्री सुशील चपलोत, कोषाध्यक्ष रविन्द्र सिंघवी के साथ श्री महावीर युवक मण्डल सेवा संस्थान के संरक्षक मनोहरलाल सूरिया, अध्यक्ष पुखराज चौधरी, मंत्री नितिन बापना, श्री शांति जैन महिला मण्डल की संरक्षक मधु मेड़तवाल, अध्यक्ष जूली सूरिया, मंत्री राखी खमेसरा आदि शामिल थे। संघ द्वारा बहुमान के बाद वर्षीतप तपस्वियों को परिवारजनों के साथ श्रावक-श्राविकाओं ने भी इक्षुरस से पारणा करा अनुमोदना का लाभ प्राप्त किया। पारणा कराने के लिए प्रत्येक तपस्वी के लिए अलग-अलग बैठक व्यवस्था श्रीसंघ द्वारा की गई थी। पारणे के बाद गौतम प्रसादी का आयोजन किया गया। गौतम प्रसादी की व्यवस्था में शांतिभवन श्रीसंघ के साथ शांति जैन महिला मण्डल एवं महावीर युवक मण्डल की पूरी टीम का भी सहयोग मिला। छाछ काउंटर का दायित्व बापूनगर श्रीसंघ की टीम ने संभाला। समारोह में भीलवाड़ा शहर के विभिन्न क्षेत्रों के साथ माण्डलगढ़, बीेगोद, शाहपुरा, कोटड़ी, बेंगू, जोधपुर, चित्तौड़गढ़, गंगापुर, बनेड़ा, ब्यावर, भीम आदि स्थानों के श्रावक-श्राविकाएं भी मौजूद थे।

यह भी पढ़ें :  Sawai Madhopur : सलेमपुर में चल रहा 21 कुंडीय श्री राम महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा हजारों की संख्या में उमड़ रहे श्रद्धालु

इन तपस्वियों ने किया वर्षीतप का पारणा

अक्षय तृतीया पर पूज्य साध्वी रूचिकाश्रीजी म.सा. का सातवां एवं साध्वी ज्योतिप्रभाजी म.सा. का छठा वर्षीतप पूर्ण होने पर उनके तप की भी श्रीसंघ ने अनुमोदना की। शांतिभवन में वर्षीतप पारणा करने वालों में भीलवाड़ा निवासी लाड़देवी मेहता, मैनादेवी बापना, ललिता पानगड़िया, लाड़देवी खारीवाल, प्रेमदेवी कांठेड़, कांतादेवी चौधरी, रतनलाल खारीवाल, विमला खटोड़, विमलादेवी खारीवाल, मंजूदेवी धूपिया, सूरजमल खारीवाल,पुष्पादेवी बापना, राजेन्द्र बाबेल, मंजूदेवी धूपिया, राकेश लोढ़ा, उषा बाबेल, यशप्रभा नानेचा, मंजू तातेड़, दीपक सिंघवी ब्यावर, पुष्पादेवी सोनी बरड़ोद, जोधपुर के कुसुम पारख,चम्पालाल वागरेचा, पिस्ताबाई वागरेचा, सुशीला मेहता, ललिता बापना, दिनेशकुमार बापना, स्नेहलता कोठारी, बीगोद के महेन्द्र बापना, अंजना बापना, मानदेवी पगारिया, कमलादेवी सुराणा लाड़पुरा, राजकुमार कावंड़िया बेंगू, विमलादेवी संचेती बन का खेड़ा, सरोज नाहर जाट, नीलम तातेड़ डूंगला, सुधा मेहता नई ईरास, नीतू सांखला भीम, अजमेर के शांतादेवी सकलेचा, मधु जैन कोटा, कमलाबाई तरावत चित्तौड़गढ़, सूरजदेवी बाफना ब्यावर, स्नेहलता चपलोत व मधुबाला नाहर भदेसर, आदि तपस्वी शामिल थे।

श्रीसंघ ने किया लाभार्थी परिवारों का स्वागत-सम्मान

समारोह में अतिथियों के साथ नवकारसी व गौतम प्रसादी के लाभार्थी परिवारों का शांतिभवन श्रीसंघ द्वारा सम्मान किया गया। इनमें गौतम प्रसादी लाभार्थी नरेन्द्रसिंह, महेन्द्रसिंह, वीरेन्द्रसिंह छाजेड़ परिवार, सुभाषचन्द्र,महावीरकुमार, ललितकुमार बाबेल परिवार, केसरसिंह, दौलतसिंह,संदीपकुमार चण्डालिया परिवार एवं रोशनलाल, मनोहरलाल,नवरतनमल सोनी परिवार के सदस्यों का सम्मान किया गया। इसी तरह इक्षु रस के लाभार्थी अमरसिंह नरेन्द्रकुमार डूंगरवाल परिवार,रजत कलश के लाभार्थी वीरेन्द्रपाल,अशोकपाल डागा परिवार एवं भंवरलाल सुशीलकुमार पोखरना परिवार का भी सम्मान किया गया।

यह भी पढ़ें :  Deeg : मीठा चंबल का पानी व्यर्थ बहता हुआ

सुबह तपस्वियों के सम्मान में श्रीसंघ ने निकाला वरघोड़ा

अक्षय तृतीया पारणा उत्सव का आगाज सुबह 6.15 बजे राजेन्द्र मार्ग रोड स्थित लक्ष्मी पैलेस से वर्षीतप आराधक तपस्वियों के सम्मान में वरघोड़ा निकाले जाने के साथ हुई। वरघोड़े में वर्षीतप आराधक तपस्वी बग्गी में सवार थे। वरघोड़े में तपस्वियों के परिजन व रिश्तेदारों के साथ बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं भी शामिल थे। वरघोड़ा स्टेशन चौराहा, सदर बाजार, गोल प्याउ होते हुए शांतिभवन पहुंच सम्पन्न हुआ। वरघोड़ में भक्तगण तपस्वी के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वरघोड़ा समापन पर शांति भवन में सुबह 7.15 बजे से नवकारसी का आयोजन किया गया.


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now