धर्मनगरी भीलवाड़ा में 24 सितम्बर से फिर बहेगी भागवत भक्ति की धारा
शांतिदूत श्री देवकीनंदनजी ठाकुर के मुखारबिंद से होने वाली कथा के लिए कार्यालय का शुभारंभ
भीलवाड़ा, 24 अगस्त। विश्व शांति सेवा समिति के तत्वावधान में शांतिदूत श्री देवकीनंदनजी ठाकुर जी महाराज के मुखारबिंद से 24 से 30 सितम्बर तक आरसी व्यास कॉलोनी स्थित मोदी ग्राउण्ड पर होने जा रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के लिए तैयारियां शुरू हो गई है। श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव में परम पूज्य बागेश्वर धाम सरकार पीठाघीश्वर पं. श्री धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्रीजी महाराज की एक दिवसीय गरिमामय उपस्थिति रहेगी। कथा की व्यवस्थाओं के लिए आरसी व्यास कॉलोनी सेक्टर-9 स्थित रूद्राक्ष अपार्टमेंट में कार्यालय का शुभारंभ गुरूवार को हरणी महादेव रोड स्थित हनुमान टेकरी के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में हुआ। उन्होंने इस आयोजन की सफलता के लिए आशीर्वाद एवं मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों से धर्मनगरी भीलवाड़ा में एक बार फिर से शांतिदूत श्री देवकीनंदनजी ठाकुर जी महाराज के मुखारबिंद से भागवत भक्ति की रसघारा प्रवाहित होगी। महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के आशीर्वाद से कथा आयोजन को सफल बनाने के लिए विश्व शांति समिति भीलवाड़ा की 21 सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसमें संयोजक श्यामसुन्दर नौलखा, अध्यक्ष आशीष पोरवाल,वरिष्ठ उपाध्यक्ष एडवोकेट हेमेन्द्र शर्मा, महासचिव एडवोकेट राजेन्द्र कचोलिया, कोषाध्यक्ष राकेश दरक, सचिव धर्मराज खण्डेलवाल, सह सचिव बालमुकुंद सोनी, संयुक्त सचिव दिलीप काष्ट एवं 13 कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किए गए। संरक्षक मण्डल के सदस्य श्री सुशील डांगी भी मौजूद रहे। संयोजक नौलखा ने बताया कि मोदी ग्राउण्ड पर 24 से 30 सितम्बर तक दोपहर 1 से 5 बजे तक होने वाली संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव आयोजन को सफल बनाने एवं समाज के हर वर्ग की इसमें सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है। कथा आयोजन को लेकर भीलवाड़ा में भक्तों में उत्साह का माहौल है। आयोजन को सफल बनाने के लिए शीघ्र ही विभिन्न समितियों का गठन करने के साथ अलग-अलग दायित्व सौंपे जाएंगे। गौरतलब है कि शांतिदूत श्री देवकीनंदनजी ठाकुर के मुखारबिंद से भीलवाड़ा में गत वर्ष 5 से 11 अक्टूबर तक भी संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का सफल आयोजन हनुमान टेकरी परिसर में महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में हुआ था।