एसडीएम के ट्रांसफर ना होने तक हड़ताल रहेगी जारी- अध्यक्ष कोरांव


प्रयागराज।तहसील कोरांव में एक सप्ताह से एसडीएम आकांक्षा सिंह के मनमानी रवैए को लेकर चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल खत्म होने का नाम नहीं ले रही।सोमवार एक तरफ जहां लामबंद अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्री दफ्तर समेत समस्त कार्यालयों में तालाबंदी करा दी वहीं तहसील परिसर में सुबह से आए फरियादियो को मायूस होकर लौटना पड़ा।बताते चले कि तहसील कोराव में लाम बंद अधिवक्ता एसडीएम आकांक्षा सिंह के विरोध और उनके ट्रान्सफर पर लगातार पिछले सप्ताह भर से हड़ताल पर हैं।और सोमवार को अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्री दफ्तर, खतौनी, एसटी दफ्तर, बख्शी दफ्तर, आपूर्ति विभाग, कलेक्शन, नजारत आदि कार्यालयों में सुबह ही तालाबंदी कराते हुए एसडीएम विरोधी नारेबाजी की तत्पश्चात अधिवक्ताओं की आम सभा सभागार में दोपहर एक बजे बार एसोशिएशन तहसील कोरांव के अध्यक्ष रामबहादुर सिंह के नेतृत्व में आहूत की गई जिनसे शत प्रशितत अधिवक्ताओं ने एसडीएम के तानाशाही और उनके कार्य में शिथिलता का जमकर विरोध किया। सभा में उपस्थित अधिवक्ताओं ने एक सुर में कहा कि एसडीएम का जबतक यहा से ट्रान्सफर नहीं हो जाता हड़ताल जारी रहेगी। बार एसोशिएशन के अध्यक्ष रामबहादुर सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह की तानाशाह अधिकारी की जरूरत तहसील कोरांव में नहीं है। अपना ट्रांसफर ये यहां से अन्य तहसील में करा ले अन्यथा मंगलवार को हड़ताल को हम सब अधिवक्ता मिलकर और धार देंगे, सभा में उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष का पूर्ण रूप से समर्थन किया। सभा का संचालन जी के सिंह व अध्यक्षता अध्यक्ष राम बहादुर सिंह ने किया। इस दौरान सभी अधिवक्ता बारी बारी से अपने अपने विचार व्यक्त किए, सभी ने एक सुर में कहा कि इनका ट्रांसफर जरूरी है, वरना हड़ताल नहीं खत्म होगी। इस दौरान, पूर्व अध्यक्ष बाल गोविन्द पाण्डेय, अरुण कुमार मिश्र, विजय बहादुर सिंह, रवींद्र नाथ मिश्रा, श्री प्रकाश श्रीवास्तव, ललन कुमार तिवारी,मंत्री लक्ष्मीकांत शुक्ल, श्री कांत मिश्रा, देवकीनंदन मिश्रा,अजय कुमार तिवारी, बृजेश मिश्रा मुन्ना, शेखर द्विवेदी, विंध्यवासिनी प्रसाद शुक्ला, विनीत मिश्रा, योगेंद्र नाथ द्विवेदी, प्रशांत पाण्डेय, श्यामाकांत त्रिपाठी,सुनील कुमार पाण्डेय, अनूप मिश्रा, रवि प्रकाश तिवारी, रावेंद्र मिश्रा, अनूप मिश्रा,वेद प्रकाश प्रजापति, आशुतोष तिवारी ,रजनीश कुमार मिश्र,भास्कर यादव, यादवेंद्र यादव, रामकृष्ण बिंद आदि सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।


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