लुढ़क रहा तापमान तेजी से बढ़ रही ठंड आने वाले दिनों में सर्दी ढाएगी और सितम-डॉ० पी०के० पाठक


आधुनिक संसाधनों से युक्त मृत्युंजय हॉस्पिटल नारीबारी दे रहा सफल चिकित्सा सेवा

प्रयागराज। दिसंबर का महीना खत्म होने तक लोग सुबह और रात में ही सर्दी महसूस कर रहे थे लेकिन अब जनवरी के महीने में बीते एक सप्ताह से मौसम में बदलाव आया है।मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है सुबह शाम की सर्दी में थोड़ी सी लापरवाही बीमार कर सकती है। दिन और रात के तापमान में गिरावट लगातार जारी है।अब रात के साथ-साथ दिन में भी ठंड और गलन बढ़ गई है। बीते दिनों में हल्के बादल छाने से भी ठंड में इजाफा हुआ है। सर्द हवाओं के चलते सुबह से लोग ठिठुरन महसूस करते रहे। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक अगले तीन दिनों में तापमान में और गिरावट हो सकती है कोहरे का असर भी बढ़ने की संभावना है। मौसम में बदलाव से बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ा है सर्दी,खांसी, बुखार के मरीजों में वृद्धि हो रही है। माना जा रहा है कि जिस तरह से मौसम में अचानक बदलाव हो रहा है उससे इस वर्ष भी तापमान उस स्तर तक पहुंच सकता है बहरहाल ऐसी सर्दी अभी जनवरी के प्रारंभ में शुरू हो गई है तो आने वाले दिनों में शीतलहर का प्रकोप होने का अनुमान है।

बच्चों और बुजुर्गों का रखें ख्याल-
मृत्युंजय हॉस्पिटल नारीबारी के प्रबंधक डॉक्टर पी के पाठक ने बातचीत के दौरान कहा की मौसम में अचानक बदलाव का असर सेहत पर तेजी से दिख रहा है, सर्दी खांसी के मरीज बढ़ने लगे हैं। सबसे ज्यादा असर बच्चों व बुजुर्गों पर है दिन में अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच काफी अंतर होने से दिक्कतें बढ़ रही है। अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे हाल में तनिक लापरवाही भी घातक हो सकती है बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखें गर्म कपड़ों से उनका शरीर ढकें सिर पर टोपी व पैरों में जूता मोजा पहनाएं,ठंडी चीजें खाने के लिए ना दें।
भगवान एक बार जीवन देता है डॉक्टर बार-बार बचाता है, डॉक्टर धरती पर भगवान का दूसरा रूप है
डॉक्टर को धरती पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है भगवान ने तो हमें एक बार जीवन दिया है लेकिन वह डॉक्टर ही है जो भगवान के लिए इस जीवन पर संकट आने की स्थिति में हमारे जीवन की रक्षा करता है। दुनिया में ऐसे कई उदाहरण है जहां डॉक्टरों ने भगवान से भी बढ़कर काम किया है और कठिन ऑपरेशन के बाद मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुके लोगों की जान बचाई है। बच्चों को जन्म देना हो या किसी वृद्ध को बचाना हो डॉक्टर की मदद हमेशा मुश्किल से बचाती है। यही एक पेशा है जो सबसे पवित्र माना जाता है। कठिन परिश्रम और कई वर्षों की अथक पढ़ाई के बाद डॉक्टर बनता है पढ़ाई महंगी तो है ही साथ ही इसके लिए जरूरी है जज्बे की। हाला कि अब इस पेशे का व्यवसायीकरण हो गया है, लेकिन आज भी जब युवा इस क्षेत्र में उतरते हैं तो उनके मन में लोगों की सेवा करना ही मुख्य लक्ष्य होता है। मगर अब डॉक्टरी पढ़ने के बाद प्रेक्टिस करना भी एक डॉक्टर के लिए आसान बात नहीं रही। कई विपरीत परिस्थितियों में डॉक्टरों को भी अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है। मगर अभी भी उनका एक ही ध्येय है कि वे लोगों की जान बचा सकें।
लोगों की सेहत की रक्षा करना मेरा परम लक्ष्य
डॉक्टरी एक ऐसा पेशा है जिस पर लोगों का बहुत विश्वास होता है। इसी विश्वास को जिंदा रखने के लिए चिकित्सक मरीज की जान बचाने का हर रोज अथक प्रयास करता है। डॉक्टरी पेशा बहुत मुश्किलों से भरा भी है, कठिन परीक्षाओं के बाद एक चिकित्सक लोगों का इलाज कर पाने के लिए तैयार होता है। मगर डॉक्टर बनने के पीछे ज्यादातर का एक ही लक्ष्य होता है कि वह लोगों की सेहत की रक्षा कर सके।
एक मिशन लोगों की सेहत ठीक करना
बातचीत के दौरान डॉक्टर पीके पाठक ने कहा कि एक मिशन लेकर चल रहा हूं कि लोगों की सेहत और मानसिक सेहत को सुदृढ़ बना सकूं। प्रभु ने इस जीवन में जो कार्यभार सौंपा है उसे और अच्छे ढंग से करने का प्रयास रहता है। युवा पीढ़ी से भी यही संकल्प लेकर आगे बढ़ने की उम्मीद है कि वे इस क्षेत्र में केवल पैसा कमाने की इच्छा से नहीं बल्कि लोगों की सेहत अच्छी बनाने और लोगों के जीवन की रक्षा के लिए आगे आएं।