दो दिवसीय संस्था प्रधान वाक्पीठ संगोष्ठी का संकल्प के साथ समापन
सवाई माधोपुर 23 अगस्त। ब्लॉक सवाई माधोपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक, उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों की दो दिवसीय सत्रारंभ वाकपीठ संगोष्ठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सवाई माधोपुर 72 सीढी में बुधवार को सम्पन्न हुई।
वाकपीठ संगोष्ठी में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गोविंद प्रसाद बंसल, सीबीईओ अशोक शर्मा, एडीपीसी समग्र शिक्षा अभियान दिनेश गुप्ता, गोविंद दीक्षित, घनश्याम बैरवा, चंद्रशेखर जेमिनी, एसीबीईओ नीरज कुमार भास्कर, चंद्रशेखर जोशी, नीरू गोयल, श्योजीलाल मीना, संगोष्ठी के अध्यक्ष ठंडीराम मीना एवं सचिव राजेश कुमार शर्मा ने विचार रखे।
संगोष्ठी में सीडीईओ गोविंद प्रसाद बंसल ने संस्था प्रधानों से कहा कि शिक्षा के मंदिरों को श्रेष्ठतम शिक्षा केन्द्र बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जन सहभागिता योजना के तहत गांवों में भामाशाहों द्वारा विद्यालयों के भौतिक विकास के लिए कई स्थानों पर अतुलनीय सहयोग प्रदान किया है। इसी प्रकार के अनुकरणीय सहयोग सभी विद्यालयों में प्राप्त कर संस्था प्रधान अपने अपने विद्यालयों का सर्वोत्तम विकास करने में अपनी भूमिका निभाएं।
इस अवसर पर समग्र शिक्षा अभियान के एडीपीसी दिनेश गुप्ता ने कई श्रेष्ठ कार्य करने वाले संस्था प्रधानों के उदाहरण रखते हुए उनके द्वारा किए गए श्रेष्ठ एवं अनुकरणीय कार्यो की प्रशंसा की तथा उन्हें मंच से सम्मानित किया गया।
संगोष्ठी संयोजक एवं राउमावि सवाई माधोपुर 72 सीढी के प्रधानाचार्य राजेन्द्र प्रसाद साहू ने संगोष्ठी में बताए गए नवाचारों को अपनाने का संकल्प लेकर जाने की बात कही। उन्होंने संगोष्ठी आयोजन में सराहनीय सहयोग के लिए स्टाफ सदस्यों की प्रशंसा की। संगोष्ठी अध्यक्ष ठंडीराम मीना एवं सचिव राजेश कुमार शर्मा ने संगोष्ठी के दौरान वक्ताओं द्वारा विस्तार से दी गई जानकारी की सराहना करते हुए शिक्षण गुणवत्ता एवं परिणाम में सुधार तथा विद्यालयों के श्रेष्ठ संचालन के कार्य में बहुत उपयोगी बताया। इस मौके पर वक्ताओं ने ई पैंशन, केशबुक एवं एसएनए के बारे में, अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण, सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम, आधार एवं जनाधार अपडेशन, डिजीटल लिटरेसी, एमडीएम एवं मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना, शैक्षिक नवाचार नो बेग डे, बोर्ड परीक्षा परिणाम उन्नयन, गुड टच एवं बेड टच एवं एफएलएन के संबंध में जानकारी दी।
इस मौके पर सेवानिवृत्त हुए संस्था प्रधानों का सम्मान भी किया गया। नवाचारों को अपने विद्यालयों में अपनाकर गुणवत्ता के साथ बालकों के सर्वांगीण विकास में बेहतर भूमिका निभाने के संकल्प के साथ संगोष्ठी का समापन हुआ।