तहसील प्रशासन बारा से गरीब परिवार को नहीं है न्याय की उम्मीद-पीड़ित परिवार
राजस्व विभाग व भू-माफियाओं की जुगलबंदी से जमीन पर किया जा रहा अवैध कब्जा-पीड़ित परिवार
प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर बारा तहसील क्षेत्र के अंतर्गत भू माफियाओं द्वारा किसानों की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा व प्लाटिंग के विरोध में लगातार 21 दिन से गरीब परिवार कड़ाके की ठंड में धरने पर बैठा हुआ है। वहीं प्रशासन इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा प्रशासन की उदासीनता को लेकर गरीब पीड़ित परिवार का कहना है कि जेसीबी ला करके मेरे जमीन में मेरे परिवार सहित मुझे दफन कर दिया जाए। गरीब पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासनिक अधिकारी हम गरीब लाचार को हमारे ही जमीन से बेदखल करने के लिए तहसील के राजस्व अधिकारियों को आगे कर रखा है।ज्ञात हो कि जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र अंतर्गत अभयपुर गांव के ही राम शिया और रामविशाल की भूमि का वाद उच्च न्यायालय में लंबित है। उच्च न्यायालय द्वारा उक्त भूमि पर बिना किसी आदेश के किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य पर रोक का आदेश दिया गया है। गरीब पीड़ित परिवार की माने तो मामला अभी उच्च न्यायालय में लंबित है। फिर भी तहसील प्रशासन की मिलीभगत से अवैध रूप से प्लाटिंग का कार्य किया जा रह है। जिस पर किसान द्वारा कई बार तहसील प्रशाशन से शिकायत की गई जिस पर आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। जिससे परेशान होकर गांव में ही धरना व प्रदर्शन शुरू कर दिया। अभयपुर के किसानों की जमीन के हड़पने के मामले में गरीब परिवारों का कहना है कि तहसील प्रशासन द्वारा सिर्फ हम लोगों से दस्तावेज मांगा जा रहा है। जबकि भू माफियाओं से कोई भी दस्तावेज नहीं मांगा जा रहा है। दबंग भू माफियाओं से कोई भी पूछने वाला नहीं है कि कृषि योग्य भूमि को व्यवसायिक कैसे बनाया जा रहा है। बिना नक्शा पास कराए भूखंड कैसे बचा जा रहा है, बिना टैक्स जमा किए कैसे आवासीय प्लाटिंग किया जा रहा है। रेरा अधिनियम में पंजीकृत है कि नहीं इसका कोई ब्योरा नहीं तलब किया जा रहा है। लेकिन राजस्व अधिकारी सिर्फ हम गरीब किसानों से ही सवाल करते हैं। पीड़ित परिवार ने प्लाट खरीदने वालों से अपील की है कि आराजी संख्या 343, 316, 309, 311, 312, 313 व अन्य आराजी मौजा अभयपुर में विवादित है। जिसका वाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट संख्या 62 373 ऑफ 2015 है। बता दें कि किसान बीते दिन जब प्रयागराज के लिए कूच किया तो तहसील प्रशासन मौके पर पहुंचकर समय मांगते हुए मामले को निस्तारण की बात कही। इस बात पर किसान वापस तो लौट गए लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है दूसरे दिन राजस्व की टीम आई और सरकारी नाले की पैमाइश कर बैरंग वापस लौट गई मगर मेरे समस्याओं के समाधान को लेकर समाधान दिवस पर बुला लिया गया और वहां जाने के बाद भी फिर वही आश्वासन पर आश्वासन। भारतीय किसान यूनियन प्रयाग के जिला उपाध्यक्ष ऋषि पांडे ने कहा कि किसानों का सत्याग्रह तब तक जारी रहेगा जब तक समस्याओं का समाधान नहीं हो जाएगा। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो फिर से प्रयागराज के लिए हम रवाना होने के लिए विवश होंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। किसानों का शोषण भाकियू प्रयाग कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ तथा कथित पत्रकारों ने दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से झूठी खबर प्रकाशित कर दिया की धरना समाप्त हो गया लेकिन आज 21 दिन हो गए हम लोग कड़ाके की ठंड में गांव पर ही धरना स्थल पर न्याय की आस लिए धरना दे रहे हैं मगर योगीराज में भी हम गरीबों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं।