जीवन का एक ही अर्थ है ईश्वर को प्राप्त करना अतः जन्म से मृत्यु तक भजन करते रहना चाहिए-गौसंत रघुवीरदास जी महाराज

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कुशलगढ|ग्राम पिटोल जिला झाबुआ में भागवत कथा अमृत के अंतर्गत पिछले चार दिवस से भागवत कथा अमृत राधे कृष्ण मंदिर पिटोल में गौसंत रघुवीरदास जी महाराज के मुखारविंद से भागवत कथा अमृत बड़ी जोर शोर से चल रही है। जिसमें महाराज श्री ने बताया कि जीवन का एक ही अर्थ है ईश्वर को प्राप्त करना अतः जन्म से मृत्यु तक भजन करते रहना चाहिए। मानव देह अति दुर्लभ है अनेको जन्म-जन्मांतरण के पश्चात मानव देव प्राप्त होती है, जहां भगवान का वास होता है उसे धाम कहते हैं हमारे अंदर ही भगवान का वास है अतः मनुष्य भी एक धाम है।भगवान भाव एवं प्रेम से खुश रहते हैं, भगवान की कथा आनंद बढ़ाने वाली है। कथा के दौरान विभिन्न भजन गोविंद गोविंद गोपाल जी, भजमन राधे गोविंद, बड़े भाग्य मनुष्य तन पावा,जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए, भरो भरो री खजानो भक्ति नाै तने मोको मणियों छे मजा नाे,जो मोहिराम लगते मीठे,तारी कयामाथी हंस लो आज उड़ीजासे । भजनों पर महिलाओं ने बढ़ चढ़कर गरबा नृत्य का लाभ लिया तत्पश्चात महाराज श्री ने विभिन्न शास्त्रीय रागों पर आधारित भजन एवं चौपाइयों के साथ विभिन्न तालों के साथ तबले पर ओम प्रकाश जेठवा ने संगत दी,काैरस पर विपिन भट्ट,सिंथेसाइजर पर राघव आचार्य,झंकार पर नरेंद्र जी आचार्य एवं भागवत पारायण तथा पूजन पर शैलेश भट्ट संगत दे रहे हैं। अंत में आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ समारोह को विराम दिया गया।


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