शिक्षक संघ (सियाराम) ने जारी आदेश प्रत्याहरित करने की मांग की
गंगापुर सिटी। राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) उप शाखा वजीरपुर की मीटिंग मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रजवल्लित कर शुरुआत की गई। मीटिंग में राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा द्वारा शिक्षा मंत्री मदन दिलावर एवं स्कूल शिक्षा के शासन सचिव नवीन जैन को ज्ञापन भेजने की सराहना की। मीटिंग में निदेशक, माध्यमिक शिक्षा राजस्थान,बीकानेर द्वारा बोर्ड परीक्षा में आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के प्रबोधन संबंधी जारी अव्यावहारिक दिशा निर्देशों पर गहरा रोष जताते हुए इस आदेश को प्रत्याहरित करने की मांग की है। शिक्षकों की कार्य पद्धति पर अविश्वास प्रकट करना बिल्कुल ही गलत है। राज्य के विद्यालयों में लगभग एक लाख से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। जो शिक्षक कार्यरत हैं,उन्हें भी लिपिकीय एवं अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रहने के कारण कक्षा-कक्ष शिक्षण के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया है। वर्तमान सत्र में पूर्व सरकार की विभिन्न योजनाओं यथा महंगाई राहत शिविर,मोबाइल वितरण,राजीव गांधी ओलंपिक खेल आदि के क्रियान्वयन में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के शामिल होने से सत्र पर्यन्त शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।बोर्ड द्वारा सत्रांक योजना कमजोर विद्यार्थियों को मनोवैज्ञानिक संबल प्रदान करने के उद्देश्य से ही लागू की गई है।साथ ही बोर्ड परीक्षा के अंकों की तुलना आंतरिक मूल्यांकन के अंकों से करना भी पूर्णतया अव्यावहारिक है। शिक्षकों के प्रति अविश्वास करने से राज्य के शिक्षकों का मनोबल गिरेगा। इस तरह का आदेश जारी करने से राज्य भर के शिक्षकों में जबरदस्त असंतोष व रोष है। इस आदेश को वापस नहीं लेने से शिक्षा विभाग का वातावरण दूषित होगा। शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों पर अविश्वास करना तथा शिक्षकों की कार्य पद्धति पर प्रश्न चिन्ह लगाया जाना,यह शिक्षक हित में नहीं है। शिक्षक संघ सियाराम उप शाखा वजीरपुर ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर द्वारा 21 फरवरी 2024 को जारी बोर्ड परीक्षा में आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के प्रबोधन संबंधी दिशा निर्देशों को वापस लेने की मांग राज्य सरकार से की है।
मीटिंग में कार्यकारी जिला अध्यक्ष सोहनलाल गुप्ता, उपशाखा-अध्यक्ष श्रीजेश गुर्जर,हेमराज शर्मा, हरिशंकर गुर्जर, अशोक जी,मोहम्मद अकरम, अरुण, पंकज जी, जगदीश जी और शिक्षक उपस्थित थे।