स्थापना दिवस पर नहीं रही सवाई माधोपुर की जनभागीदारी


प्रशासन ने पूरी की आयोजन की खानापूर्ति

सवाई माधोपुर 19 जनवरी। सवाई माधोपुर शहर आज 262 साल का हो गया। सवाई माधोपुर शहर की स्थापना जयपुर के तत्कालीन महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम द्वारा 1763 में की गई थी। लेकिन आज मनाये गये सवाई माधोपुर शहर के स्थापना दिवस का कार्यक्रम केवल प्रशासनिक खानापूर्ति बनकर रह गया।
कहने को तो शहर के स्थापना दिवस को सवाई माधोपुर उत्सव का नाम दिया गया है, लेकिन स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में प्रशासन की अनदेखी के आम जन का कोई सरोकार नहीं रहा। रणथंभौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में पूजा अर्चना से कार्यक्रम की शुरूआत हुई जो प्रशासनिक अधिकारियों तक सीमित थी। शहर के संस्थापक सवाई माधोसिंह प्रथम की भी यहाँ उपेक्षा की गई। नगर परिषद परिसर में स्थित शहर के संस्थापक सवाई माधोसिंह प्रथम की प्रतिमा पर माल्यार्पण का कार्यक्रम माला पहनाने तथा फोटो खिंचवाने तक चला। इस कार्यक्रम में कलेक्टर शुभम चौधरी एंव एसपी ममता गुप्ता एक घण्टे की देरी से पंहुँची और प्रतिमा पर माल्यार्पण कर चलती बनी। इस दौरान कलेक्टर एंव एसपी सहित किसी भी अधिकारी द्वारा शहर के संस्थापक सवाई माधोसिंह व शहर के स्थापना दिवस को लेकर ना तो कोई संबोधन दिया और ना ही किसी प्रकार की कोई जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि ऐसा पहली बार देखने को मिला कि कार्यक्रम में किसी ने शहर के स्थापना दिवस पर एक शब्द तक नही बोला, ओर तो ओर कार्यक्रम में ना तो कोई जनप्रतिनिधि पहुंचा और ना ही स्थानीय लोगो की कोई भागीदारी नजर आयी। जिसके चलते कुर्सियां खाली पड़ी रही।
जानकार सूत्रो के अनुसार शहर के स्थापना दिवस को भव्य तरीके से मनाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन, पर्यटक विभाग और नगर परिषद की थी। इस बार राज्य सरकार द्वारा भी शहर के स्थापना दिवस को भव्य तरीके से मनाने को लेकर लाखों का बजट आवंटित किया गया था। वहीं पर्यटन विभाग द्वारा स्थानीय होटलियर्स एंव हॉस्पिटल सहित अन्य संस्थाओं से आर्थिक सहियोग भी लिया गया। मगर शहर के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रमो में शामिल बच्चों तक के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नही थी।
भेरू दरवाजे से लेकर राजबाग मैदान तक निकाली गई शोभा यात्रा में कई कलाकार विभिन्न वेशभूषाओं में सुसज्जित होकर नाचते गाने तथा अपने विभिन्न मुद्राओं का प्रदर्शन करते हुए दिखाई तो दिए, लेकिन प्रशासन की व्यवस्थाओं को लेकर कलाकार भी नाराज नजर आये। शोभायात्रा में भीड़ जुटाने के लिए प्रशासन द्वारा स्कूली बच्चों को इकट्ठा किया गया। शहर के स्थापना दिवस पर राजबाग मैदान पर आयोजित खेल प्रतियोगिताओं के दौरान भाग लेने वाले लोगों के लिए भी ना तो पीने का पानी था ना ही छाया या बैठने की कोई व्यवस्था।
शहर का स्थापना दिवस शहर के लोगों की जनभागीदारी के बिना केवल प्रशासनिक खानापूर्ति दिखाई दिया।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now