बौंली, बामनवास । पंचांग के अनुसार इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई बुधवार को हैं । देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता हैं। देवशयनी एकादशी से श्री हरि विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और इस दौरान मांगलिक कार्यों विवाह,गृह प्रवेश,उपनयन संस्कार ,मुंडन संस्कार,भवन निर्माण आदि पर विराम लग जाता हैं। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि देवशयनी एकादशी पर इस बार तीन खास योग राज योग,शुभ और शुक्ल योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि,अमृत सिद्धि और सूर्य और बुध के कर्क राशि में एक साथ रहने से बुधादित्य योग भी रहेगा। यह तीनों योग भी शुभ माने गये हैं। शयन काल की अवधि में पूजा पाठ,माला जप,कथा,हवन इत्यादि का कार्य तो चलता रहेगा लेकिन विवाह,गृह प्रवेश,उपनयन,मुंडन संस्कार आदि मांगलिक कार्य 12 नवंबर मंगलवार को देवउठनी एकादशी से प्रारंभ हो जाएंगे ।