जहाजपुर में गोपी-धीरज मे फिर से होगा रोचक मुकाबला

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जहाजपुर में गोपी-धीरज मे फिर से होगा रोचक मुकाबला

भाजपा ने खेला गोपी पर दांव तो कांग्रेस उम्मीदवार का इंतजार

दो-दो बार निर्दलिय व जनता दल पार्टी ने फहराया परचम, क्या पुराने चेहरे फिर होगें आमने सामने

जहाजपुर- दिनेश पत्रिया, मेवाड के अन्तिम छोर पर बसे जहाजपुर-कोटडी विधानसभा चुनाव में चुनावी फिजा रंग जमाने लगी है। हर गली मोहल्ले पर चुनावी चर्चा ने जोर पकडना प्रांरभ कर दिया है। भाजपा ने जहा पर दूसरी सूचि में उम्मीदवार घोषित कर पूर्व के चेहरे पर ही दांव खेल दिया है तो कांग्रेस भी फिर से पुराने चहेरे पर ही दांव खेल सकती है। हालांकि कांग्रेस ने अपनी पहली सूचि में अपने पत्ते नही खोले है। हालांकि पिछले दस चुनावो का इतिहास देखे तो तीन-तीन बार भाजपा ओर कांग्रेंस ने चुनाव में जीत हासिल की है। जबकि दो बार निर्दलिय ओर एक बार जनता पार्टी ओर जनता दल से जीत हासिल की। पिछले दस चुनावो के इतिहास पर नजर डाली जावे तो इस विधानसभा सीट पर किसी एक दल का कोई प्रभाव नही पड सका। पिछले तीन चुनावो पर नजर डाली जावे तो कांग्रेस ने गुर्जर पर ओर भाजपा ने मीणा जाति के उम्मीदवारो पर दांव खेला है।
पिछले दस चुनावो को इतिहास देखा जावे तो 1977 मे जनता दल के त्रिलोक चन्द्र जेन ने कांग्रेस के रतनलाल तांबी को हराया। वही 1980 में निर्दलिय रतनलाल तांबी ने कांग्रेस के संतोष बागडोदिया को पराजित किया। तो 1985 में कांग्रेस के रतनलाल तांबी ने भाजपा के श्रवण पत्रिया को मात दी। इसी तरह वर्ष 1990 में जनता दल के षिवजीराम ने कांग्रेस के रतनलाल तांबी को हराया वर्ष 1993 में काग्रेस ने जब तांबी का टिकट काट कर षिवजीराम मीणा को टिकट दिया तो भाजपा ने भी रंगलाल मीणा को उम्मीदवार बनाया तांबी निर्दलिय चुनाव जीते ओर कांग्रेस के चुनाव पर चुनाव लडने वाले षिवजीराम को चुनाव मेदान मे पराजित किया। 1995 में षिवजीराम भाजपा से प्रधान बने इसके बाद भाजपा ने 1998 के चुनावो में षिवीराम पर दांव खेला मगर कांग्रेस के रतनलाल तांबी के सामने इन्हे हार का मुह दंेखना पडा। 2003 में भाजपा ने षिवजीराम को फिर से मोका दिया तो कांग्रेस के दिग्गज रतनलाल तांबी को मीणा ने 17 हजार से अधिकार वोटो से हरा कर धूल चटा दी थी इसके बाद राजस्थान में गुर्जर-मीणा हुए विवाद के चलते 2008 में कांग्रेस से नए चहेरे धीरज गुर्जर पर दांव खेला तो भाजपा ने षिवजीराम पर फिर से भरोसा जताया ओर षिवजीराम के हाथो धीरज गुर्जर हार गए। वर्ष 2013 में षिवजीराम मीणा चुनाव मेदान से भाजपा से ताल ठोक रहे थे मोदी लहर में षिवजीराम मीणा धीरज गुर्जर के हाथो पराजित हो गए। मोदी लहर मे हार का खामियाजा षिवजीराम मीणा को 2018 के चुनावो में उनका टिकट काट दिया ओर षिक्षक की नोकरी से त्याग पत्र देकर आए गोपी मीणा को भाजपा ने चुनावी समर में उतार दिया तो कांग्रेस ने धीरज गुर्जर पर फिर से दांव खेला मगर मीणा चुनावी समर में धीरज को पटकनी दे यह सीट भाजपा की झोली में डालने में कामयाब रहे। एक बार फिर से भाजपा ने गोपी चंद मीणा को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस की पहली सूचि में नाम घोषित नही किया मगर संभावना यह जताई जा रही है कि कांग्रेस के राष्ट््रीय सचिव धीरज गुर्जर ही जहाजपुर से चुनाव लडेगे। अब देखना होगा कि भाजपा यह सीट बरकरार रख पाती है अथवा कांग्रेस अपने झण्डे गाड सकेगी।

भाजपा ने घोषित किया उम्मीदवार,देवदर्षन यात्रा के बहाने प्रचार शुरू

भाजपा ने ष्षनिवार को गोपीचंद मीणा पर फिर से विष्वास जता कर चुनावी समर में उतार दिया ओर मीणा रविवार से ही देव दर्षन कर अपनी चुनावी अभियान का श्रीगणेष कर चुके है हालांकि मीणा के सामने भाजपा के रूठे कार्यकर्ताओ का मनाने की चुनोती है कांग्रेस ने अपने पत्ते नही खोले है मगर कांग्रेस एक बार फिर धीरज गुर्जर को चुनावी मेदान में उतार कर इस चुनाव को रोचक मुकाबले में तब्दील कर सकती है।

तंाबी चार बार तो मीणा तीन बार रहे चुके विधायक

जहाजपुर के पिछले दस चुनावेा में क्षेत्र के गांधी कहे जाने वाले रतनलाल तांबी चार बार यानि दो बार निर्दलिय ओर दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनावी समर में वेतरणी पार कर चुके तो जहाजपुर के विकास पुरूष के नाम से जाने वाले षिवजीराम मीणा दो बार भाजपा ओर एक बार जनता दल से चुनाव फतेह कर चुके है।

गोपी दूसरी बार तो धीरज चोथी बार होगें मेदान में

भाजपा ने वर्तमान विधायक गोपीचंद मीणा पर दांव खेला है यदि कांगे्रस धीरज गुर्जर को अपना उम्मीदवार बनाती है तो धीरज चोथी बार इन चुनावो में अपना भाग्य आजमाएगें।


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