प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सम्मानित
सवाई माधोपुर, 14 सितम्बर। हिन्दी दिवस के अवसर पर गुरूवार को केन्द्रीय संचार ब्यूरो के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा संगोष्ठी एवं हिन्दी ज्ञान प्रश्नोत्तरी का आयोजन सहायक निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय के वाचनालय में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों के लिए किया गया।
प्राचार्य रा.उ.मा.वि. मानटाउन चन्द्रशेखर जोशी ने कहा कि हिन्दी भाषा को समृद्ध करने वाले कवि एवं साहित्यकार केवल हिन्दी भाषी क्षेत्र के नहीं थे अपितु इस भाषा का विकास करने वाले उत्तर भारत के साथ-साथ दक्षिण भारतीय भी रहे हैं। हिन्दी के प्रख्यात विद्वान और साहित्यकार राहुल सांकृत्यान के अनुसार हिन्दी में पहली रचना कर्नाटक के जैनमुनी स्वयंभू ने पउम चरिउ के रूप में की। इस भाषा का विकास चन्द्रबरदाई ने पृथ्वीराज रासो, जोधराज ने हम्मीर रासो, नरपति नाल्ह ने बीसलदेव रासो लिखकर किया है। वहीं अमीर खुसरों ने पहेलियां, मुकरियां, श्रृंगारी, दो सुखने, गजल, खयाल, कव्वाली, रूबाईयां, कबीरदास से बीजक, तुलसीदास ने रामचरित् मानस् लिखकर भक्तिकाल में हिन्दी को नई ऊंचाईयां प्रदान की।
इसके पश्चात भारतेन्दु हरीशचन्द्र, महावीर प्रसाद द्विवेदी, देवकीनंदन खत्री, मुंशी प्रेमचन्द, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर, फर्णीश्वरनाथ रेणु, सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला जैसे अनेक साहित्याकारों ने हिन्दी भाषा को समृद्ध किया है। इस दौरान उन्होंने हिन्दी भाषा पर रचित कविता भी सुनाई।
सहायक निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क हेमन्त सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। क्योंकि भारत में हिन्दी भाषा को बोलने वाले लोग अधिका हैं। इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दौरान केन्द्रीय संचार ब्यूरों के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी विकास नापा ने कहा कि सरकार ने हिन्दी भाषा को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास किए है। सरकार ने विश्वमंच पर हिन्दी को स्थापित करने के लिए 10 जनवरी 1975 को नागपुर से विश्व हिन्दी दिवस मनाने की शुरूआत करने के साथ-साथ विश्व के अनेक मंचों पर राष्ट्रीय अध्यक्षों द्वारा हिन्दी भाषा में ही सम्बोधन दिया गया।
इस दौरान हिन्दी ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर गिरधारी योगी, द्वितीय स्थान राजकुमार एवं तृतीय स्थान पर श्योराम को विजेता रहने पर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इस दौरान क्षेत्रीय प्रचार सहायक नेमीचन्द मीना ने मंच संचालन किया।