राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

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राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

प्रयागराज।राजेंद्र प्रताप, उप शिक्षा निदेशक / प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, प्रयागराज के निर्देशन में जनपद के राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण का 18 अगस्त 2023 को अंतिम दिवस रहा यह प्रशिक्षण विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी विषय में कार्य कर रहे सहायक अध्यापकों के लिए शिक्षण विधियों पर नियोजित किया गयाथा, जिसमें प्रत्येक विषय से 100-100 शिक्षकों को 16 अगस्त 2023 से 18 अगस्त 2023 तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रवक्ता शबनम,अमित सिंह एवं अखिलेश कुमार सिंह के द्वारा प्रशिक्षण में क्रमशः विज्ञान, अंग्रजी एवं गणित विषय के नोडल एवं संदर्भदाता के कार्यो का निर्वहन किया गया। यह प्रशिक्षण शिव नारायण सिंह (वरिष्ठ प्रवक्ता), एवं विपिन कुमार (वरिष्ठ प्रवक्ता) की देख-रेख में सम्पन्न कराया गया। विषय विशेषज्ञ के रूप में मुख्य अतिथि एस०एन०चौरसिया के द्वारा गणित के इतिहास में भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट, ब्रहमगुप्त, वराहमिहिर, बोधायान, रामानुजन, आदि के द्वारा वैदिक गणित में दी गई प्रमेय का संस्कृत में लिखे गए शुल्व सूत्र के माध्यम से अवगत कराया गया। शुल्व सूत्र के द्वारा वृत्त की परिधि एवं व्यास में सम्बन्धों को अध्यापकों के बीच रेखाकित किया गया और यह निर्देशित किया गया कि भारतीय गणित शास्त्र, पश्चिमी गणित शास्त्र से बहुत पहले विकसित हो चुकी थी। अतः शिक्षक होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि भारतीय गणित को मूर्च्छन बनाये रखे। इसी क्रम में उनके द्वारा गणित की विभिन्न शाखाओं अंकगणित, बीजगणित एवं ज्यामिति, निर्देशांक ज्यामिति एवं सांख्यिकी आदि की उत्पत्ति एवं उनके बीच अन्तः सम्बन्ध के बारे में क्रमवार स्मरण कराया गया। मुख्य अतिथि के द्वारा यह भी बताया गया कि प्रति दिन अध्ययन एवं अध्यापन का कार्य प्रत्येक शिक्षकों को अनिवार्यतः करते रहना चाहिए तभी वह अपनी शिक्षण तकनीकी में सुधार करते हुए उसे जिंदा रख पायेंगे और रूचिकर बना सकेंगे। डायट प्राचार्य राजेन्द्र प्रताप में समापन दिवस पर अपने सम्बोधन में सभी सहायक अध्यापकों से यह अपील किया कि प्रशिक्षण में सीखें गए सभी शिक्षण तकनीकी तभी सार्थक होगी, जब बच्चों के बीच प्रयोग करेंगे, साथ ही यह भी कहा गया कि प्रत्येक अध्यापक पढ़ाने जाने से पूर्व विषय का अध्ययन जरूर करें एवं तकनीकी में निरंतर स्वयं से भी सुधार लाने का प्रयास करते रहें, जिससे पढ़ने एवं पढ़ाने में शिक्षक के नैतिक कर्तव्य को जिंदा रख पाये। सभी संदर्भदाताओं एवं सहायक अध्यापकों को डायट, प्राचार्य द्वारा प्रमाण पत्र वितरित करते हुए प्रशिक्षण कार्य का समापन किया गया।


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