मानव हमलें में हुई बाघ की मौत


सवाई माधोपुर 4 नवम्बर। रणथंभौर वन क्षेत्र के उलियाणा गांव के पास मिले टाइगर के शव का सोमवार 4 नवम्बर को मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पोस्टमार्टम के बाद रणथम्भौर बाघ परियोजना के सीसीएफ अनूप के. आर. ने जानकारी देते हुए बताया कि टाइगर के शरीर पर पत्थरों तथा धारदार हथियार के द्वारा गंभीर चोट पहुंचाए जाने के निशान मिले हैं। जिससे मानव हमले के द्वारा टाइगर की मौत होने की पुष्टि हो रही है। सीसीएफ ने कहा कि दो दिवस पूर्व टाइगर टी 86 ने उलीयाणा गांव के निवासी ग्रामीण भरत लाल मीणा पर हमला करके उसे मौत के घाट उतार दिया था। बदले में ग्रामीणों ने टाइगर पर हमला कर दिया और पत्थरों तथा धारदार हथियारों से टाइगर की हत्या कर डाली।
उन्होने बताया कि रविवार 3 नवम्बर की शाम को टाइगर का शव वन विभाग द्वारा अपने कब्जे में लिया गया था। उसके बाद रविवार को राजबाग नाका चौकी पर टाइगर के शव का मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करवाया गया। जयपुर से भी डॉक्टर की टीम मेडिकल बोर्ड में शामिल रही। पोस्टमार्टम में टाइगर के शरीर पर, पैर, पीठ, सिर पर गंभीर धारदार हथियार से चोट के गहरे निशान मिले हैं। जिससे टाइगर की मौत हुई है। वन विभाग के अनुसार अब वन्य जीव अधिनियम के तहत टाइगर की हत्या में शामिल आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की जा सकेगी।
उल्लेखनीय है कि उलियाणा गांव में शनिवार को टाइगर टी 86 के हमले में उलियाणा गांव के भरतलाल मीणा की मौत हो गई थी। जिसके बाद आक्रोषित ग्रामीणों ने शव को लेकर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद रविवार को स्थानीय विधायक एवं कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने वार्ता का एवं ग्रामीणों की मांगो पर सहमति के बाद मामला शांत करवाया था। लेकिन इसके बाद रविवार को ही देर शाम जिस जगह बाघ ने अटैक किया वहां से करीबन चार सौ मीटर की दूरी पर बाघ का शव पड़ा होने की सूचना मिली थी। मृत बाघ के शव का वीडियो वायरल हो गया था। जिसमें हमला करने वाले बाघ टी 86 की हत्या करने की आशंका जताई जा रही थी। जिससे वन विभाग के अधिकारी सकते में आ गए थे। वन विभाग ने रविवार को पोस्टमार्टम के बाद बाघ की हत्या की पुष्टी कर दी है। जिससे मामले में अब फिर से एक नया मोड़ आ गया है।


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