बौंली, बामनवास। श्रद्धा ओम त्रिवेदी। पूरे विश्व में वन संपदा, पर्यावरण एवं वन प्राणियों के लिए विशेष महत्व रखने वाले राजस्थान के सवाई माधोपुर जिला स्थित रणथंभौर नेशनल टाइगर पार्क में अब वन विभाग ने उत्तराखंड एवं महाराष्ट्र से बाघों को लाकर उनकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास तेजी से शुरू कर दिए हैं। नेशनल टाइगर कन्वर्जिंग अथॉरिटी की ओर से अनुमति मिलने के बाद वन विभाग रणथंभौर टाइगर नेशनल पार्क के सीसीएफ अनूप केआर ने इस कार्य योजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। वन विभाग की जानकारी के अनुसार इस वर्ष का पहला इंटर स्टेट ट्रांसलोकेशन कार्यक्रम रणथंभौर टाइगर नेशनल पार्क में किया जाएगा इसके तहत उत्तराखंड व महाराष्ट्र से बाघों को यहां लाया जाकर बागों के साथ बिल्डिंग कराई जाएगी फिर जैसे-जैसे बाघों की संख्या बढ़ती जाएगी वैसे-वैसे उन्हें अन्य राज्यों व प्रदेश के पर्यटक पार्क में भेजा जाएगा। इस वर्ष वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार रणथंभौर नेशनल टाइगर पार्क में करीब 100 से भी अधिक बाघ, बाघिन व शावको की संख्या है लेकिन इनबिल्डिंग की एक विशेष समस्या है इस कारण बाघों को यहां लाया जा रहा है। इस समय रणथंभौर नेशनल टाइगर पार्क के बाघ, बाघिन मुकुंदरा, करौली, धौलपुर, सरिस्का,व बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर पार्कों को आबाद कर रहे हैं।