बौंली, बामनवास। श्रद्धा ओम त्रिवेदी। सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल टाइगर के जंगल से निकलकर बाघिन लाडली ने सोमवार शाम करीब 7:00 बजे एनएच, 552 टोंक, चिरगांव सड़क मार्ग के पास आकर लटिया नाले में पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सोमवार को शाम को सड़क मार्ग टोंक, चिरगांव के कुशाली दर्रा के पास अचानक रणथंभौर के जंगल से निकलकर लाडली बाघिन को घूमते देखा तो सड़क मार्ग पर दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग गई एवं लोग बाधिन के फोटो व वीडियो बनाने लगे इस दौरान कोशाली दर्रे के पास लटिया नाले पर आकर पानी पिया एवं करीब 30 मिनट तक पानी में बैठी रही राहगिरो की सूचना पर फलोदी वन विभाग रेंजर विष्णु गुप्ता मय टीम के मौके पर पहुंचे एवं लोगों की भीड़ को वहां से हटाकर बाघिन की ट्रैकिंग शुरू की थोड़ी देर बाद बाधिन लाडली घूमती हुई रणथंभौर जंगल की ओर लौट गई। विधित रहे की रणथंभौर नेशनल टाइगर जंगल में रहने वाले सभी वन्य जीव मानव व वाहनों को देखकर जरा भी विचलित नहीं होते इस प्रकार वाहनों के साथ लोगों को देखना उनके लिए रोज का काम है। बाघिन लाडली उम्र दराज की है और वह 18 वर्ष की हो चुकी है एवं अब तक वह चार बार मां बन चुकी है प्रथम प्रवास के दौरान उसने टी- 61व टी- 62 दूसरे में टी- 85-व टी86 तीसरे में टी -108 टी- 109 में चौथे में उसने टी- 127 टी- 128 एवं टी- 129 को जन्म दिया यह सभी बाधिन लाडली की संताने हैं। बाधिन लाडली वर्तमान में जॉन नंबर 6व7 में मूवमेंट पर रहती है इसका पूरा रणथंभौर नेशनल पार्क घुमा हुआ है।