जेम्स ऑफ गंगापुर के तत्वधान में आज का दिन गंगापुर के लिए रहा ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायक

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जेम्स ऑफ गंगापुर के तत्वधान में आज का दिन गंगापुर के लिए रहा ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायक

जेम्स ऑफ गंगापुर के तत्वधान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से सन1993 से 1996 तक शिक्षा ग्रहण की सभी विद्यार्थियों ने मिलन समारोह एवं गुरुजनों का सम्मान समारोह रखा गया। 27 साल बाद सभी दोस्त एक दूसरे से मिले। गंगापुर सिटी के सभापति शिवरतन अग्रवाल ने अपने सभी मित्रो का अभिनन्दन किया। सभी मित्रो ने पूल पार्टी की । उसके बाद गुरुजन सम्मान समारोह रखा गया जिसमे 35 गुरुजी मोजूद रहे। सभी गुरूजनों को उनके शिष्यों द्वारा माला, शाल पहनाकर मोमेंटो भेट कर सम्मान किया। इसके बाद गानों के माध्यम से भी सम्मान किया।
सभी गुरुजनों ने शिष्यों को आर्शीवाद देते हुए कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि 27 साल बाद भी शिष्यों ने गुरुजनों का सम्मान किया है। यह गंगापुर के लिए ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायक रहा।हम आपके सुख समृद्धि एवं तरक्की की कामना करते हैं।
इसके बाद सभी गुरुजनों और शिष्यों के द्वारा जेम्स ऑफ गंगापुर का प्रतीक चिन्ह का उदघाटन किया गया।
मंच का संचालन कार्यक्रम संयोजक सम्भूदयाल शर्मा ने किया।
जेम्स ऑफ गंगापुर के सभी सदस्यों ने परिवार सहित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गंगापुर सिटी का दौरा कर पुरानी यादों को ताज़ा किया एवं अपने बच्चो को गुरुजनों के प्रति सम्मान के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर गुरुजनों और शिष्यों ने आपस मे विचार एवं अनुभव साझा किया।
जो सदस्य एवं गुरुजन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके उन्होने वीडियो कॉल के माध्यम से आनन्द लिया।

सभापति शिवरतन अग्रवाल के साथ सभी मित्रो ने बताया कि व्यक्ति का जीवन संवारने के लिए गुरु का होना आवश्यक होता है. जीवन के संस्कार और शिक्षा का अनुमान गुरु के होने से ही लगाया जा सकता है. कोई व्यक्ति जीवन में गुरु की कृपा से ही उन्नति कर सकता है. स्वार्थी संसार में आज भी गुरु निस्वार्थ भाव से शिक्षा सभी को बाटते है.

एक गुरु हमारे लिए अपना जीवन न्योछवर कर देता है. इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है, कि हम उनका सम्मान करे. तथा उनका अनुसरण करें. हमें हमेशा जीवन में गुरु की तरह नहीं करना चाहिए, बल्कि गुरु के कहने के अनुसार करना चाहिए।

इस अवसर पर गुरुजनों में महेन्द्र शर्मा, कृष्णबल्लभ पाठक, महेश गुप्ता, शिवराम शर्मा, कमल धाकड़,घनश्याम शर्मा शिष्यों में सभापति शिवरतन अग्रवाल, विपिन गुप्ता,शंभू दयाल शर्मा, नरेंद्र सिंह, योगेंद्र उपाध्याय, अनिल गोयंका, टीकमचंद गोयल, डॉक्टर लोकेश रावत, डॉक्टर योगेश गुप्ता, डॉक्टर अभिलाष सैनी, पवन कुमार गुप्ता, डॉक्टर मदन मोहन गुप्ता, डॉक्टर वीरेंद्र हिंदुस्तानी, पुष्पेंद्र शर्मा, पवन अग्रवाल, डॉ बुद्धि प्रकाश शर्मा, डॉक्टर सीताराम गुप्ता, पवन बंसल, मोहित सीपी गुप्ता, डॉक्टर दीपक गुप्ता, डॉक्टर निशांत दिक्षित, तरुण सिंघल, प्रकाश मालधनी, डॉक्टर चंद्रकांत गर्ग, अनिल कुमार गोयल, सत्यनारायण जागिड़ समस्त मित्र एवं समस्त गुरुजन उपस्थित रहे।


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