टोंक जेल चौथ वसूली की एफआईआर में फेर बदल करने की फिर से होगी जांच – राजा भैया


टोंक 6 जनवरी। जिला जेल टोंक में चौथ वसूली प्रकरण में पुलिस अधिकारियों द्वारा की दी गई एफ आर को खारिज करते हुऐ जिला टोंक के वर्तमान सीजेएम कमल सोनी ने पुनः जाँच के आदेश दिये हैं।
मामले में शिकायतकर्ता हिन्दुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय प्रमुख तथा दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट राजेन्द्रसिंह तोमर राजा भईया ने बताया कि उन्होने करीब 4 वर्ष पूर्व उस समय टोंक जिला जेल में बंद अपने मुवक्किल सवाई माधोपुर निवासी हिन्दूस्तान शिवसेना नेता जितेंद्र सिंधी जीतू और अन्य बंदियों व उनके परिजनों से अवैध चौथ वसूली करने के मामले में कोर्ट के आदेश से एफआईआर संख्या 293/2020 भिन्न भिन्न भादस. की धाराओं में थाना कोतवाली टोंक में दर्ज कराई थी। राजा भैया ने बताया कि उस एफआईआर में तत्कालीन थाना टोंक के सीसीटीएनएस ऑपरेटर, जांच अधिकारी एएसआई प्रभुसिंह राजावत एवं थाना प्रभारी किशनलाल यादव की भूमिका संदिग्ध थी उन्होंने आरोपियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनकी एफआईआर में काफी बड़े स्तर पर फेर बदल कर दिये थे। इसके साथ ही उनकी शिकायतों पर ही एक अन्य प्रकरण भी जांच के बाद तत्कालीन आईजी जेल आलोक वशिष्ठ की अनुशंसा पर थाना कोतवाली टोंक में ही मु न.130/2021 भादस.की भिन्न भिन्न धाराओं में दर्ज कराया गया था। इस प्रकरण में जेल के तीन तत्कालीन कैदीयों व एक व्यापारी जेल कैंटीन माल सप्लायर को गिरफ्तार भी किया जा चूका है।
राजा भैया ने बताया कि एफआईआर में फेरबदल की जानकारी होने पर उन्होने एक लिखित शिकायत 21 सितम्बर 2020 को आईजीपी अजमेर, पुलिस अधीक्षक टोंक एवं थाना प्रभारी थाना कोतवाली टोंक को की थी। उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर उन्होंने एक और इस्तगासा तत्कालीन सीजेएम कोर्ट टोंक के समक्ष दायर किया। जिस पर कोर्ट ने सभी तथ्यों और दस्तावेजों का अवलोकन कर मामले को गम्भीर पाते हुए मामले में आरोपी सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफाआईआर दर्ज कर कार्यवाही करने के आदेश दिए। जिस पर थाना कोतवाली टोंक में ही मु. स.416/2021, धारा 166 ए, 167, 218, 409, 405, 466, 201, 120 बी, 34, भादस. के तहत दर्ज किया गया। जिसकी जांच उस समय के मौजूदा पुलिस उप अधीक्षक सालेह मोहम्मद द्वारा की गई, परन्तु अपने स्टाफ के पुलिस कर्मियों को बचाते हुए उन्होंने भी इस प्रकरण में 26 अप्रेल 2023 को एक, एफ आर आदलत में यह कहते हुए पेश कर दी कि मामला मात्र टाइपिंग मिस्टेक का है। इतने पर भी हार ना मानते हुए एडवोकेट राजा भईया ने कोर्ट में एक प्रोटेस्ट पिटीशन नाराज़गी याचिका दायर की और तमाम एफआर की और जांच की कानूनी कमियों से अदालत को रूबरू कराया। सभी दस्तावेजों, दायर एफआर, प्रोटेस्ट पिटीशन और एफआईआर की बारीकियों को देखते हुये एवं शिकायतकर्ता की सभी दलीलें सुनने के बाद वर्तमान सीजेएम टोंक कमल सोनी ने पुलिस द्वारा दायर एफआर को खारिज कर, शिकायतकर्ता के पक्ष में निर्णय देते हुऐ थाना कोतवाली टोंक के प्रभारी को निर्देशित किया कि वह पूरी पत्रावली को कोर्ट आदेश के साथ पुलिस अधीक्षक टोंक को प्रस्तुत करें और पुलिस अधीक्षक टोंक इस प्रकरण में पूर्व जांच अधिकारी से अनिम्न रेंक (पुलिस उप अधीक्षक से उच्च स्तर) के पुलिस अधिकारी से पुनः इस प्रकरण की जांच कराएं, और कोर्ट में आगमी सुनवाई पर जांच रिपोर्ट पेश करें।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now