13 जनवरी तक नहीं मिली समस्याओं से निजात तो 15 जनवरी से होगा बड़ा आंदोलन
प्रयागराज।राजदेव द्विवेदी। नगर पंचायत शंकरगढ़ में पानी के लिये हाहाकार मचा रहता है लोग एक-एक बूँद पानी के लिये तरस जाते हैं पानी की इस विकराल समस्या के समाधान के लिये शासन-प्रशासन को कई बार प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन इस समस्या के समाधान के लिये कोई भी पहल नहीं किया गया। प्रशासन द्वारा जो भी नगर वासियों को पानी की व्यवस्था की गयी है वह मई और जून के माह में ध्वस्त हो जाती है, हर वार्डों के बोर सूख जाते हैं, समरसेबल जल जाते हैं टैंकर द्वारा हर वार्डों में हफ्तों में एक बार पानी पहुँचा पाता है। पानी की इस समस्या के स्थायी रूप से निदान के लिये शासन-प्रशासन द्वारा तत्काल जनहित में निर्णय लिये जाये।किसानों, व्यापारियों, मजदूरों एवं सार्वजनिको जगहों को भू-माफियाओं द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा भू-माफिओं के ऊपर शासन-प्रशासन द्वारा कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये।इसके विरोध में व्यापार मण्डल शंकरगढ़ के तत्वाधान में भारतीय किसान यूनियन, व्यापार मण्डल शिवराजपुर, व्यापार मण्डल जसरा, व्यापार मण्डल बारा, व्यापार मण्डल जारी, व्यापार मण्डल नारीबारी, वैश्य सामाज यमुनापार सभी संगठनों के सहयोग से शान्ति पूर्ण ढंग से 15 जनवरी 2025 को धरने का आवाहन किया गया है। अगर 13 जनवरी 2025 तक पानी व्यवस्था के लिये शासन प्रशासन द्वारा स्थायी समाधान नहीं निकलता है एवं भू-माफियाओं के ऊपर कार्यवाही नहीं होती है तो शंकरगढ़ बाजार पूर्ण रुप से बन्द करके 15 जनवरी 2025 को शांति पूर्ण धरने का आयोजन किया गया है जो अनवरत चलेगा। उप जिलाधिकारी बारा को ज्ञापन देते हुए मांग की गई है कि नगर पंचायत शंकरगढ़ जो कि पिछले 50 वर्षों से पानी के लिये तरस रहा है जिसमें जल आपूर्ति हेतु स्थायी समाधान की आवश्यकता है।क्षेत्र में किसानों, मजदूरों, व्यापारियों एवं सार्वजनिक भूमि को भू-माफियाओं द्वारा हो रहे अवैध कब्जा को रोका जाये एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाये।उपजिलाधिकारी (बारा) न्यायालय द्वारा धारा 24 अन्तर्गत पक्की पथर नसब के आदेश के बावजूद राजस्व कर्मी द्वारा भूमि की पैमाइस नहीं की जाती है क्योंकि ऐसी जगहों पर भू-माफियाओं का प्रभाव बना हुआ है। इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाय। बार-बार चेतावनी देने के बाद भी तहसील प्रशासन भूमाफियाओं को संरक्षण दे रही है और किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हो रही है जिससे गरीब किसान मजदूर व्यापारी सभी के सब्र का बांध टूट गया है। अगर 13 जनवरी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो 15 जनवरी से सभी संगठन द्वारा शंकरगढ़ में एक बड़े आंदोलन की शुरुआत होगी और जब तक सभी मांगों पर संपूर्ण कार्यवाही नहीं हो जाती तब तक अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन चलता रहेगा।