कोटा लालसोट मेगा हाइवे पर ट्रेफिक पुलिस बन रही है दुर्घटनाओं का कारण

Support us By Sharing

प्रतिदिन आने जाने वाले लोगों के लिए ट्रेफिक पुलिस की चैकिंग बनी सरदर्द

सवाई माधोपुर 21 नवम्बर। (राजेश शर्मा)। आम तौर पर ट्रेफिक पुलिस शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने का काम करती है। लेकिन सवाई माधोपुर जिले में ट्रेफिक पुलिस कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
जिला मुख्यालय से निकलने वाले हाईवे पर ट्रेफिक पुलिस की गाड़ी किसी भी जगह खड़ी करके आने जाने वाले वाहनों को रोकना शुरू कर देते हैं। इसके चलते सड़क के किनाने पर वाहनों के खड़े होने से वाहनों की कतार लग जाती है। इससे आने जाने वाले वाहनों को सड़क के किनारे खड़े वाहनों के बीच से निकलने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वहीं किसी भी कार को देखकर हाथ देना तो आम बात है।
इसका उदाहरण गुरूवार 21 नवम्बर को देखने को मिला जब ट्रेफिक पुलिस की इन्टरसेप्टर कार के ट्रेफिक पुलिस कर्मियों ने कोटा लालसोट मेगा हाईवे पर मुई मोड़ के पास रवांजना की तरफ से आने वाली एक कार को हाथ से रूकने का इशारा किया। इसी समय आगे पीछे चलने वाले वाहनों ने भी अचानक ब्रेक लगा दिये। इस सारे घटना क्रम में एक मोटरसाईकिल के ब्रेक लगाने पर उसके पीछे चलने वाली गाड़ी आगे वाली मोटरसाईकिल से टकरा गई। इससे पीछे वाली मोटरसाईकिल पर चलने वाले एक पुरूष और महिला सड़क के बीच ही गिर गये। गनीमत ये रही की कार व अन्य वाहनों की गति कम होने के कारण सभी वाहन उचित दुरी पर ही रूक गये। इससे कोई बड़ा हादसा होने से बच गया। लेकिन ट्रेफिक पुलिस की इस लापरवाही के चलते इस सड़क पर दुर्घटना होना अब आम बात हो गई है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी इसी मुई गांव के पास कुछ दिन पूर्व एक ट्रक से मोटरसाईकिल की टक्कर हो जाने से मोटरसाईकिल सवार की मौत हो गई थी। इसी प्रकार इसी मार्ग पर सवाईगंज मोड़ पर ट्रेफिक पुलिस की इसी चैकिंग के चलते गाड़ियों के बीच निकलते समय एक मोटरसाईकिल सवार की दुर्घटना मंे मौत हो गई थी। वहीं कुछ दिन पूर्व कुस्तला में भी ट्रक से टक्कर होने के कारण एक मोटरसाईकिल सवार गम्भीर रूप से घायल हो गये थे।
वर्तमान में भी खेरदा से आगे निकलते ही कोटा रोड़ पर लगभग मूई के मोड़ तक सड़क अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो रही है। जिसके कारण वाहनों को चलना ही मुश्किल है। वाहनों गड्ढों को बचाने की कोशिश करते हुऐ चलते हैं। ऐसे में ट्रेफिक पुलिस के द्वारा अचानक वाहनों को रोकने से किसी दिन किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका से नहीं बचा जा सकता है।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि आम तौर पर इन दिनों स्कूल का समय प्रातः 10 बजे से सांय 4 बजे तक होने के कारण सुबह 9 बजे से 10 बजे तक तथा इसके बाद सांय 4 बजे से सांय 5 बजे के आस पास इस रास्ते से आने जाने वाले शिक्षक स्कूल व घर के लिए निकल रहे होते हैं। ऐसे में प्रतिदिन आने जाने वाले वाहनों को भी अचानक रोक कर ट्रेफिक पुलिस की ओर से दुर्घटनाओं को आमंत्रण दिया जाता है।
गुरूवार 21 नवम्बर को शाम हुई दुर्घटना भी इसी समय और इसी कारण हुई थी।
ऐसे में आमजन ने जिला प्रशासन, जिला पुलिस अधीक्षक एवं स्थानीय विधायक डॉ. किरोड़ीलाल मीणा से भी मांग की है कि जिले में ट्रेफिक पुलिस की अव्यवस्था को सही कर आमजन को दुर्घटनाओं से बचाया जाए।


Support us By Sharing