सही समय पर सीपीआर देने व्यक्ति के बचने की सम्भावना दोगुनी से हो सकती है: रमेश मून्दड़ा
कार्यक्रम में डाॅ. आलोक मित्तल एग्जामिनर के रूप में रहे शामिल, डा. शान्तनु टांक ने दिया प्रशिक्षण
भीलवाड़ा। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा माय भारत पोर्टल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम सेवा से सीखें के अंतर्गत चयनित युवाओं को रेडक्रॉस हॉस्पिटल में सीपीआर तकनीक एवं संकटग्रस्त स्थिति में जीवन रक्षा संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। विभिन्न विभागों की गतिविधियों से युवाओं को रूबरू कराने हेतु माय भारत पोर्टल पर अनुभव आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने है। इसी के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सेवा से सीखें कार्यक्रम रेडक्रॉस हॉस्पिटल के सहयोग से 02 अक्टूबर तक आयोजित किये जा रहे है जिसमें चयनित 10 युवाओं को अनुभव आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। रेडक्रॉस प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं कार्यक्रम क्रियान्वयक रमेश मून्दड़ा ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत युवाओं ने सीपीआर तकनीक एवं संकटग्रस्त स्थिति में जीवन रक्षा संबंधित प्रशिक्षण में भाग लिया। सीपीआर एक आपातकालीन स्थिति में प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की धड़कन या सांस रुक जाने पर प्रयोग की जाती है। सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसें दी जाती हैं, जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है और साँस वापस आने तक या दिल की धड़कन सामान्य होने तक छाती को दबाया जाता है, जिससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होता रहता है। अध्ययनों से पता चलता है कि अगर अधिक लोगों को सीपीआर देना आ जाए तो कई जानें बचाई जा सकती हैं, क्योंकि सही समय पर सीपीआर देने से व्यक्ति के बचने की सम्भावना दोगुनी हो सकती है। कार्यक्रम में डा. आलोक मित्तल एग्जामिनर के रूप में शामिल रहे। जबकि डा. शान्तनु टांक ने प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को संकट की स्थिति में जीवन बचाने की तकनीकों से अवगत कराया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के करणी प्रताप सिंह, महावीर जैन, कामना कुमारी उपाध्याय, आरती सिंह, फरमान हुसैन, इरशाद अली, कमलेश बलवेलिया, तुषार सिंह सिसोदिया, भगवान लाल सुथार सहित अन्य युवा एवं प्रशिक्षु उपस्थित रहे।