1100 दिन की यात्रा पर निकले बाल सन्त
आठ राज्य के 61 तीर्थों के किए दर्षन
बाल सन्त हरीश वैष्णव महाराज का जयपुर नेशनल हाइवे पर स्वागत
जगतगुरू रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य के शिष्य है हरीश वैष्णव महाराज
भरतपुर|जगतगुरू रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य के 17 वर्षीय शिष्य हरीश वैष्णव महाराज सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार तथा मानव कल्याण के लिए भारत और नेपाल की 1100 दिन के पदयात्रा पर निकले। जिन्होने गुजरे 445 दिन में करीब 17 हजार 786 किमी की यात्रा तय कर भारत के आठ राज्यों सहित नेपाल के विश्वविख्यात धार्मिक तीर्थ स्थलों के दर्शन कर 500 से अधिक स्थान पर धर्म सभाए कर चुके है और भारी सख्यां में लोगों को नशामुक्त कराया। साथ ही पर्यावरण,गौवंश व वन सम्प्रदा रक्षा, मानव व सन्त सेवा,मूक-बधिर प्राणियों की सुरक्षा आदि का संकल्प दिया रहे है। बाल सन्त हरीश वैष्णव महाराज का जयपुर नेशनल हाइवे-21 पर गांव डहरा,हन्तरा,अरोदा,बेरी,नसवारां,हलैना,आमोली,छौंकरवाडा कलां आदि स्थान पर सन्त समाज,भगवान श्रीराम व श्री श्याम बाबा भक्त एवं ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया और उनके प्रचवन सुने। पुरानी पुलिस चौकी श्री वीर बजरंग बली मन्दिर के सन्त ललित मोहन दास महाराज ने भ्रमण पर आए बाल सन्त वैष्णव महाराज का दुपट्टा एवं फूल माला पहनाकर स्वागत किया और उन्हे ब्रज के ठाकुर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंट की। श्याम भगत केदार कटारा,श्रीश्याम सेवक विजयपाल सिंह,चेतराम सिंह,छत्तर सिंह,गूड्डू सिंह,बच्चू सिंह आदि ने पदयात्री सन्त का स्वागत कर उन्हे फूल माला पहनाई और पौधारोपण किए।
यात्रा पर आए बाल सन्त वैष्णव महाराज ने बताया कि जगतगुरू रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य की आज्ञा पर 16 अप्रेल 2023 को मध्यप्रदेष प्रान्त के निवाडी जिले बुन्देलखण्ड क्षेत्र स्थित ओरछा नगरी से भारत व नेपाल देश के विश्व प्रसिद्व धार्मिक तीर्थ स्थल और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार,गौंवंश रक्षा,मानव व सन्त सेवा,देषभक्ति के प्रति आमजन का जागरूक करने के लिए 1100 दिन की पदयात्रा प्रारम्भ की। अब तक 445 दिन की यात्रा में करीब 17 हजार 786 किमी का सफर तय कर जम्मू-कश्मीर,हिमाचल प्रदेश,पंजाब,हरियाणा,दिल्ली,बिहार,मध्यप्रदेश,चढीगढ, राजस्थान तथा नेपाल के 61 तीर्थ स्थल के दर्शन कर चुके है और 500 से अधिक गांव व शहरों में धार्मिक सभाएं कर करीब एक हजार से अधिक लोगों को नषामुक्त बनाया जा चुका। साथ ही सन्त व मानव सेवा, पर्यावरण, स्वच्छता,स्वास्थ्य,गौवंष रक्षा,महिलासषक्तिकरण,आत्मनिर्भर के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
– गुरू की कुपा से बची जान
बाल सन्त वैष्णव महाराज ने बताया कि अप्रेल माह में मध्यप्रदेश की नर्मदा नदी किनारे घने जंगल से गुजर रहे थे और सायं का समय था। आवादी नजर आई,तो यात्रा जारी रखी। एक पुलिया के नीचे बाघआराम कर रहा था। जिसकी हमको नही मालूम था। करीब सवा घन्टे पुलिया पर विश्राम करने के बाद यात्रा चालू की। तभी पीछे से एक बाघ धीमी गति से आ रहा था। पीछे नजर करते ही हमारे होश उड गए। प्रभू से जान बचाने की आस लग गई। प्रभू श्री राम एवं जगतगुरू रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य को याद किया। अचानक जंगल में एक व्यक्ति आता नजर आया,उसने कहा कि सन्त जी भागना मत और आप धरती पर बैठ हाथ जोड बैठ जाओं। ऐसा करने के बाद दो घन्टे के बाद बाघ गायब हो गया।
– लड्डू गोपाल का नित्य करते श्रृंगार
बाल सन्त वैष्णव महाराज प्रतिदिन लड्डू गोपाल जी,श्री हनुमान जी और भगवान श्रीराम की नित्य करीब सवा घन्टे पूजा-अर्चना करते है और जगतगुरू रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य के बताए गए भजन व प्रवचन करते है। जब लड्डू गोपाल का श्रंृगार करते है तो इतने भावविभोर हो जाते है कि उन्हे अपने शरीर का ध्यान नही रहता और आंख से आंसू झलक आते है।