भीलवाड़ा|कैंसर अब पहले जैसा असाध्य रोग नहीं रहा। जागरूकता, सही समय पर जांच और उचित उपचार से इस बीमारी को हराया जा सकता है। सबसे जरूरी है कि लोग इसके प्रति भयभीत होने के बजाय जागरूक रहें और किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें। यदि समाज में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, तो इस बीमारी से होने वाली मौतों में कमी लाई जा सकती है।
विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। एक समय था जब कैंसर का नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते थे, लेकिन आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में हुए नए अनुसंधानों और तकनीकों के कारण अब इस गंभीर बीमारी का उपचार संभव हो गया है। यदि समय रहते इस रोग का पता चल जाए और सही तरीके से इलाज किया जाए, तो कैंसर पर विजय पाई जा सकती है।
भारत में कैंसर के बढ़ते मामले
भारत में प्रतिवर्ष लगभग 14 से 15 लाख लोग कैंसर से प्रभावित हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस संख्या में वृद्धि के दो मुख्य कारण हैं दृ पहला, कैंसर रोग का तेजी से फैलना और दूसरा, बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा जांच कराना। पहले के समय में लोग जांच कराने से कतराते थे, लेकिन अब बढ़ती जागरूकता के कारण लोग स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आगे आ रहे हैं। इससे कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ती दिख रही है, लेकिन यह एक सकारात्मक संकेत भी है, क्योंकि समय रहते बीमारी का पता चलने से उपचार करना आसान हो जाता है।
कैंसर के प्रमुख कारण–
कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ नियंत्रित किए जा सकते हैं और कुछ नहीं। आनुवंशिकता (जेनेटिक्स) एक प्रमुख कारण है, जिस पर किसी का नियंत्रण नहीं होता। यदि परिवार में पहले किसी को कैंसर हो चुका है, तो अन्य सदस्यों को भी इसका खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, जीवनशैली से जुड़ी कई आदतें कैंसर को बढ़ावा देती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, धूम्रपान, शराब, बीड़ी-सिगरेट का सेवन, गुटखा और तंबाकू चबाना, असंतुलित आहार, मोटापा और प्रदूषण जैसे कारक भी कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और इन हानिकारक आदतों से बचकर कैंसर से बचाव संभव है।
कैंसर के प्रकार–
कैंसर कई प्रकार के होते हैं, लेकिन कुछ प्रकार अधिक सामान्य हैं। पुरुषों में सबसे अधिक फेफड़ों का कैंसर पाया जाता है, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा सामने आते हैं। इसके अलावा, ब्लड कैंसर, लीवर कैंसर, पेट का कैंसर और गर्भाशय कैंसर भी आमतौर पर देखे जाते हैं। हर प्रकार के कैंसर के लक्षण अलग-अलग होते हैं, लेकिन यदि किसी व्यक्ति के शरीर में असामान्य गांठ, अचानक वजन घटना, लगातार खांसी, थकान, अपच जैसी समस्याएँ बनी रहती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
कैंसर की जांच और उपचार—
कैंसर का सफल इलाज तभी संभव है जब इसका सही समय पर पता लगाया जाए। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग किया जाता है, जैसे-
ब्लड टेस्ट – खून की जांच के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं की पहचान की जाती है।
बायोप्सी – प्रभावित ऊतक का नमूना लेकर जांच की जाती है।
पेट स्कैन – यह उन्नत तकनीक शरीर में कैंसर की उपस्थिति को दर्शाने में सहायक होती है।
बोन मैरो टेस्ट – ब्लड कैंसर की जांच के लिए किया जाता है।
एक्स-रे, एमआरआई और सीटी स्कैन – शरीर के विभिन्न भागों में कैंसर के प्रभाव को देखने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
कैंसर के उपचार के तरीके
कैंसर के उपचार के लिए तीन प्रमुख विधियाँ अपनाई जाती हैं–
सर्जरी (शल्य चिकित्सा) – कैंसर प्रभावित ऊतक को शारीरिक रूप से निकाल दिया जाता है।
रेडियोथेरेपी – कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रेडिएशन का उपयोग किया जाता है।
कीमोथेरेपी – दवाओं के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को समाप्त किया जाता है।
किसी भी रोगी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह उपचार के दौरान अपने डॉक्टर के संपर्क में रहे और बताए गए निर्देशों का सही तरीके से पालन करे।
बचाव के उपाय—
कैंसर से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि व्यक्ति अपने खान-पान और दिनचर्या में कुछ सुधार करें, तो कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचा जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए। शुद्ध और संतुलित आहार लें, जिसमें फल, सब्जियाँ और हरी पत्तेदार सब्जियाँ शामिल हों। धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों का सेवन पूरी तरह से बंद करें। नियमित रूप से योग, व्यायाम और ध्यान करें। अपने शरीर के वजन को संतुलित रखें, मोटापे से बचें। मानसिक तनाव से बचने का प्रयास करें और सकारात्मक जीवनशैली अपनाएँ। नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण करवाते रहें, ताकि किसी भी गंभीर बीमारी का समय रहते पता चल सके।
भीलवाड़ा में कैंसर उपचार की सुविधा–
भीलवाड़ा जिले में भी कैंसर रोगियों के लिए आधुनिक उपचार की सुविधा उपलब्ध है। महात्मा गांधी राजकीय अस्पताल में प्रथम तल पर कैंसर रोगियों के लिए 10 बिस्तरों वाला वातानुकूलित वार्ड बनाया गया है। पिछले तीन वर्षों से यहाँ कीमोथेरेपी की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे मरीजों को बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती। अभी डॉ. रीटा सिंह के नेतृत्व में कैंसर रोगियों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समय पर जांच और सही इलाज से कैंसर को हराया जा सकता है। अस्पताल प्रशासन भी कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए लगातार प्रयासरत है।
विशेषज्ञों की राय—
मेट्रो हॉस्पिटल, नोएडा के डायरेक्टर एवं हेड मेडिकल ओंकोलॉजी डॉ. आर. के. चैधरी का कहना है, कैंसर का रोग घातक माना जाता है, लेकिन आधुनिक अनुसंधान और उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के कारण इसका उपचार अब संभव हो गया है। यदि किसी व्यक्ति को कैंसर होने की तनिक भी संभावना हो, तो तुरंत जांच करवानी चाहिए। प्रारंभिक अवस्था में उपचार शुरू करने से कैंसर को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।