बृज के पर्वतो की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति देने वाले संत के बलिदान दिवस पर श्रृद्धाजंलि सभा आयोजित
कामां। गांव पसोपा स्थित पशुपति नाथ मंदिर पर ब्रज के पर्वतों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योंछावर करने वाले बाबा विजय दास के बलिदान दिवस की श्रृद्धाजंलि सभा बाबा लालदास की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस मौके पर बाबा के चित्र पर पुष्प अर्पित किए तथा मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मान मन्दिर बरसाना के व्यवस्थापक सुनील भैया ने बताया कि इस मौके पर संत महात्माओं और सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ताओं ने एक स्वर से ब्रज के पर्वतो वन खण्डो धार्मिक कुण्डों व सरोवरों सहित पर्यावरण एंव संस्कृति की रक्षा के लिए स्व.बाबा विजय दास महाराज ने धर्म से प्रेरित होकर अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्होंने संत स्वरूप की महान परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए आने वाले समय में लोगो की प्रेरणाओं के प्रतीक बन गए है। उनको आदर्श मानते हुए आने वाले समय में वन एंव पर्यावरण को संरक्षण एंव रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। इस मौके पर मान मंदिर के बाबा सुनील एंव अन्य लोगों ने बाबा की प्रतिमा लगाने एंव उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। इस मौके पर लोगों ने कहा की 555 दिन शांति पूर्ण धरने के बाद बाबा के आत्मबलिदान के बाद सरकार और आंदोलनकारियो के बीच बनी हिंसा की स्थिति पर पांचों गावों की सरदारी ने दोनो के बीच बैठकर स्थिति को संभाला तथा शांतिपूर्ण ढंग से दोनो पक्षों के बीच समझौता को लागू कराया। राज्य सरकार ने आंदोलनकारियो की सभी मांगों की घोषणा करने के बावजूद पशुपति नाथ मंदिर व पसोपा गांव को विकास के लिए दिए गए कार्यों में जिला प्रशासन एंव कार्यकारी संस्था उदासीनता बरत रही है। जिससे ग्रामीण स्वीकार नहीं करेंगे। अगर कार्यों को करने में तत्परता नही दिखाई तो पुनः आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर मान मन्दिर के फौजी बाबा,कीर्तनदास बाबा,नीलमणि,बृजनंदन,नारायण बाबा,हरिबोल बाबा,भूरा बाबा सहित पसोपा गांव के ग्रामीण व आस पडोस के साधु संत मौजूद थे।
फोटो-कामां गांव पसोपा में श्रृद्धाजंलि को सम्बोधित करते वक्ता।