स्वतंत्रता सेनानि स्वर्गीय कांटिया को दी श्रद्धांजलि,नगर में हुए विविध आयोजन
शाहपुरा। राज्य प्रजामंडल आंदोलन के संस्थापक सदस्य, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पत्रकार, चिंतक तथा शाहपुरा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय लक्ष्मी दत्त कांटिया की 17वीं पुण्यतिथि पर नगर में विविध आयोजन हुए। प्रातः कुंड गेट राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में अतिरिक्त जिला कलेक्टर चंदन दुबे की मौजूदगी में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष दिलीप गुर्जर, नगर कांग्रेस अध्यक्ष तथा शाहपुरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष बालमुकुंद तोषनीवाल ने स्वर्गीय कांटिया के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला, शाहपुरा के विकास में उनके दिए गए योगदान को याद किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य संदीप जीनगर, डीएमएफटी सदस्य राजकुमार बेरवा, श्रीमद दयानंद महिला शिक्षण केंद्र के उपाध्यक्ष रामस्वरूप काबरा, कवि डॉक्टर कैलाश मंडेला, जिला आयोजना समिति के पूर्व सदस्य एवं पूर्व पार्षद नरेश व्यास, पार्षद स्वराज सिंह ने कांटिया के संस्मरण सुनाए। डॉ कैलाश मंडेला ने बताया कि 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अजमेर सेंट्रल जेल में 16 महीने की नज़रबंदी तथा स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों को मिलने वाली किसी भी सुविधा का उपभोग नहीं करने से स्वर्गीय कांटिया के त्याग और समर्पण का पता चलता है। कार्यक्रम में मौजूद लोगों द्वारा स्वर्गीय कांटिया की स्मृति में पीपल तथा नीम का पौधा भी लगाया गया। इस दौरान एपीपी हितेश शर्मा, पूर्व सरपंच राजेंद्र चौधरी, वरिष्ठ शिक्षाविद पुखराज जोशी,आर्य समाज के सचिव गोपाल राजगुरु, इंजीनियर धर्मराज बैरवा,राज्य स्तरीय पुरस्कृत शिक्षक परमेश्वर प्रसाद कुमावत,वन अधिकारी थानमल जीनगर सहित कई जने मौजूद रहे। श्री प्रताप सिंह बारहठ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ पुष्कर राज मीणा, प्रोफेसर अनिल कुमार श्रोत्रिय, धर्म नारायण वैष्णव की अगुवाई में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय कटिया को श्रद्धांजलि दी गई प्राचार्य डॉक्टर मीणा ने महाविद्यालय निर्माण में उनके योगदान का स्मरण किया। महाविद्यालय के छात्रों को उनके जीवन से जुड़े हुए कई संस्मरण सुनाए। दोपहर को आर्य समाज मंदिर में प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। शाम को बालाजी की छतरी पर वरिष्ठ नागरिक संस्थान द्वारा अध्यक्ष रामस्वरूप काबरा,उपाध्यक्ष कैलाश चंद्र की अगुवाई में स्वर्गीय कांटिया के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित करके श्रद्धांजलि दी गई।