रणथम्भौर के त्रिनेत्र गणेष जी मेले का समापन आज

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चतुर्थी पर लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

सवाई माधोपुर 19 सितम्बर। रणथम्भौर किला स्थित त्रिनेत्रधारी भगवान श्री गणेश जी मंदिर का 18 सितम्बर से शुरू हुआ तीन दिवसीय लक्खी मेले का समापन 20 सितम्बर को होगा। 19 सितम्बर को भद्रपद शुक्ला चतुर्थी के अवसर पर मंगलवार को लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश जी को ढोक लगाई।
सोमवार से ही प्रदेष सहित देष के विभिन्न भागों से श्रद्धालुओं का भगवान त्रिनेत्र गणेष जी के दर्षन के लिए भक्तों का लगातार बसों, ट्रेक्टरों, कारों, मोटर साईकिलों तथा पैदल यात्रियों का अपनी मनोकामना लेकर आना जारी रहा। श्रद्धालु उनके गांवों से ही गजानन्द महाराज के जन्मोत्सव के लोक गीत गाते एवं नृत्य करते मंदिर तक उनके दर्षन हेतु पहुंचे और आरती की। श्रद्धालुओं ने गणेष के पत्नियों रिद्धी-सिद्धी तथा पुत्रों शुभ, लाभ के दर्षन कर हाथ जोड़कर उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करने हेतु प्रार्थना की।
इस दौरान दर्शनार्थियों ने रणथम्भौर किला परिसर के साथ ही वन क्षेत्र के विहंगम दृष्यों की सुन्दरता को देखकर उनके साथ अपनी सेल्फी लेने से अपने आप को नहीं रोक पाये। उनके मोबाईलों मे कैद किया और सेल्फी ली। वहीं मेले में लगी दुकानों से बच्चों के लिए खिलौने, घर के लिए घरेलू सामान खरीदा। वहीं बच्चों ने झूला चकरी पर झूल कर मेले का आनंद भी लिया।
मेले के दौरान सवाई माधोपुर वासियों की ओर से रणथम्भौर गणेश जी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भण्डारों के माध्यम से भोजन, पानी, चिकित्सा की खूब सेवा की गई। जिला मुख्यालय से लेकर गणेश धाम तक लोगों को खाने पीने, चाय नाश्ते तक के लिए कहीं भी पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं थी। भण्डारों में गणेश भक्तों के लिए चाय, दुध, शरबत, पोहे, कचोरी, खीर, जलेबी, आईसक्रीम, केले, सेब, पानी पूरी, छाछ राबड़ी, पूड़ी सब्जी जैसे अनेक व्यंजन उपलब्ध थे।
सोमवार को मौसम में ठण्डक से जहाँ श्रद्धालुओं को राहत मिली। लेकिन मंगलवार को सुबह से ही धूप खिलने के बाद दोपहर में तेज गर्मी ने लोगों को परेशान भी किया।
स्थानीय आम लोगों ने भी गणेश जी के मेले का खूब आनन्द लिया। वहीं जिला मुख्यालय पर रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों ने भी मेले का आनन्द लेते हुऐ भण्डारों पर प्रसाद ग्रहण किया।


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