अमित जैन के मरणोपरांत नेत्रदान से दो दृष्टि विहीन को मिलेगी नेत्र ज्योति


मानव सेवा के लिए पिता ने पुत्र का करवाया पुत्र का नेत्रदान, श्री महावीर नवयुवक मंडल का रहा सहयोग

भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) श्री महावीर नवयुवक मंडल की प्रेरणा पाकर अंधता निवारण के लिए जैन परिवार के सदस्यों ने नेत्रदान का पुनित कार्य किया। लायंस आई हॉस्पिटल को-ऑर्डिनेटर एवं आई बैंक प्रभारी लायन राकेश पगारिया ने बताया पिता सुरेश जैन ने अपने पुत्र अमित जैन की मृत्यु होने पर नेत्रदान करवाया। 40 वर्षीय अमित जैन का नेत्रदान हुआ। उनके निधन पर उनके पिता सुरेश जैन एवं परिजनों ने नेत्रदान के लिए सहमति प्रदान की। लायन पगारिया ने बताया कि डॉक्टर लायन मोहित जैथलिया के सहयोग व नेतृत्व में आई बैंक सोसाइटी आफ राजस्थान भीलवाड़ा चेप्टर के आई बैंक टेक्नीशियन अजहरुद्दीन अशरफी ने हास्पिटल पहुंचकर कार्निया उत्सर्जन कर प्रत्यारोपण हेतु भेजा गया। नेत्रदान में श्री महावीर नवयुवक मंडल के नितिन बापना, हुकमी चंद खटोड़, मुकुल सुरिया, योगेश सिसोदिया का विशेष सहयोग रहा। लायन पगारिया ने बताया कि नेत्रदान संसार का सबसे बड़ा दान होता है। नेत्रदान से दुनिया में दो नेत्रहीन को रोशनी मिलेगी। धन्य हैं वह पुण्य आत्मा, जिसने अपने नेत्रों का दान कर दो नेत्रहीन व्यक्तियों को अपने नेत्रों से देखने का वरदान दिया है। लायंस आई हॉस्पिटल की पिंकी सिंधी, सौरभ शर्मा, व लायन सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।


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