राजस्थान मिशन 2030 के तहत दो दिवसीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन


राजस्थान मिशन 2030 के तहत दो दिवसीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन
महाविद्यालय में शिक्षण गतिविधियों को कम कर शैक्षणिक कार्य एवं अनुसंधान कार्य हो

शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी/ राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के चहँुमुखी विकास एवं प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए राजस्थान मिशन 2030 के तहत श्री प्रतापसिंह बारहठ राजकीय महाविद्यालय, शाहपुुरा में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य प्रो. रामावतार मीना की अध्यक्षता में हुआ।
कार्यक्रम में हितधारक डाॅ. हरमल रेबारी एवं प्रो. मधु दरगड़ ने आॅनलाइन सहभागिता की। संरक्षक प्रो. रामावतार मीना ने राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों में समान पाठ्यक्रम लागु करते हुए संकाय सदस्यों को शिक्षणेŸार गतिविधियों को कम करते हुए केवल शैक्षणिक कार्य एवं अनुसंधान कार्य करने हेतु सुझाव दिया। डाॅ. हरमल रेबारी ने आॅनलाइन अपने सुझाव देकर बताया कि महाविद्यालय का नया भवन अतिशीघ्र बने एवं स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति पर बल दिया। प्रो. मधु दरगड़ ने कई सुझााव दिये जिसमें सोलर पेनल महाविद्यालय में लगाने का सुझाव प्रमुख था।
महिला प्रकोष्ठ संयोजक प्रो. प्रियंका ढाका ने हरबेनियम पर जोर देकर कहा कि इससे बोटनीकल गार्डन का विकास होगा। देवनारायण स्कूटी प्रभारी प्रो. शंकर लाल चैधरी ने महाविद्यालय स्किल डवलपमेंट को आवश्यक बताया। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. रंजीत जगरिया ने शिक्षा की गुणवŸाा पर जोर देकर कहा कि नियमित विद्यार्थियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होनी चाहिए। प्रो. नेहा जैन ने बताया कि महाविद्यालय में महिला छात्रावास एवं स्टाफ क्वार्टर होने चहिए। लोक कलाकार हीरा लाल कुम्हार ने महाविद्यालय में संगीत विषय को खुलवाने का सुझाव दिया। उर्वषी पारीक ने महाविद्यालय में पेड़ पर टेग लगाकर विद्यार्थी को प्रोत्साहित किये जाने का सुझाव दिया एवं केन्टीन की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम सहसंयोजक डाॅ. अनिल कुमार श्रोत्रिय ने कहा कि नियमित छात्र-छात्राओं के लिए परिचय पत्र अनिवार्य रूप से धारण कर कक्षाओं में उपस्थिति दे। इस अवसर पर डाॅ. पुष्करराज मीणा, प्रो. धर्मनारायण वैष्णव, डाॅ. हंसराज सोनी, प्रो.दलवीर सिंह, प्रो. तोरन सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम संयोजक प्रो. मूलचन्द खटीक ने कहा कि गणित का विषय महाविद्यालय में संचालित है लेकिन पद स्वीकृत ना होने से गत 10 वर्षों से पद रिक्त रहा है। अतः इस तकनीकी समस्या को दुर करने का सुझाव देते हुए सभी आगन्तुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।


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