वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान, पत्रकारों ने जिले में जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण कार्यों का अवलोकन किया


जल संसाधन, कृषि, उद्यानिकी तथा वन विभागों ने की भागीदारी जिले की सबसे बड़ी आलनपुर नर्सरी में पौधारोपण किया

सवाई माधोपुर, 15 जून। राज्य सरकार के निर्देश पर राजस्थान में 5 से 20 जून तक संचालित ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ के तहत रविवार को जिले के मीडिया प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के कार्यों और प्रयासों की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए जिले में कई स्थानों पर जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण कार्यों का अवलोकन किया। संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भ्रमणकर्ता पत्रकारों को जल संरक्षण कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
पत्रकारों के दल ने जल संसाधन विभाग द्वारा सूरवाल बांध और सूरवाल मुख्य नहर के जीर्णाेद्धार कार्य तथा मानसरोवर बांध की वर्तमान स्थिति का अवलोकन किया। इस दौरान प्रेस प्रतिनिधियों द्वारा ग्राम महू के प्रगतिशील किसान बसराम मीणा के खेत पर स्थापित ग्रीन हाउस, सोलर सिस्टम एवं ड्रिप सिंचाई प्रणाली, ग्राम सूरवाल में जानकीलाल द्वारा निर्मित गोबर खाद तथा विभिन्न जैविक फसलों के उत्पादन स्थल, आलनपुर वन नर्सरी, मानसरोवर बांध तथा ग्राम सुखवास स्थित ऐतिहासिक क्षेत्रपाल की बावड़ी जैसे महत्वपूर्ण जल संरक्षण एवं सांस्कृतिक स्थलों का अवलोकन किया।
विभागीय अधिकारियों ने मीडिया प्रतिनिधियों को केन्द्र तथा राज्य सरकारों की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जलग्रहण विकास, भू संरक्षण कार्यों, वन विभाग की नर्सरी में पौधारोपण की कार्ययोजना, जल स्रोत पुनर्जीवन, पौधारोपण, ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे नवाचारों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। प्रतिनिधियों को बताया गया कि इन प्रयासों से न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि किसानों की आजीविका भी सशक्त हो रही है।
जल संरक्षण तकनीकों और योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी
जल संसाधन विभाग द्वारा नहरी तंत्र, संरचनात्मक नवाचारों और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार की जानकारी दी गई। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सूरवाल बांध, मुख्य नहर और माइनर आदि के पुनरुद्धार से क्षेत्र के 20 से अधिक गांवों में सिंचाई क्षेत्र बढ़ सकेगा। इस दौरान कनिष्ठ अभियंता जल संसाधन विभाग रोहित गुर्जर, विनोद मीना ने बताया की सूरवाल बांध की भराव क्षमता का 8 फीट पानी है जिससे क्षेत्र के आस-पास के गांवों के भू-जल स्तर बड़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की खुशहाली और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने हेतु सिंचाई योजनाओं को प्राथमिकता दे रही है। सूरवाल बांध तथा सूरवाल मुख्य नहर के जीर्णाेद्धार, मानसरोवर जलस्रोत के पुनर्जीवन और जलग्रहण क्षेत्रों में समुदाय आधारित जल संरचनाओं का कार्य भी भ्रमण का मुख्य आकर्षण रहा।
पत्रकारों ने ग्रामीणों से संवाद कर इन अभियानों के सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक प्रभावों की जानकारी ली। ग्राम सुखवास स्थित ऐतिहासिक ‘क्षेत्रपाल की बावड़ी’ के संरक्षण प्रयासों की जानकारी देते हुए ग्रामवासियों ने बताया कि यह धरोहर स्थानीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो जल संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक एकता, पर्यावरणीय संवेदनशीलता और धार्मिक आस्था का केंद्र बनी हुई है।
इस दौरान वन विभाग की आलनपुर नर्सरी में हरियालों राजस्थान के तहत जिले पौधारोपण हेतु विभाग की नर्सरीयों में तैयार किए जा रहे विभिन्न प्रजातियों के पौधों एवं उन्हें जीवित रखने हेतु विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर मीडिया प्रतिनिधियों ने पौधारोपण किया।
फील्ड विजिट के दौरान प्रेस प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान को जन-जन तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। रविवार को आयोजित भ्रमण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिले में जल संरक्षण से जुड़े नवाचारों, योजनाओं एवं अभियानों की प्रभावशीलता को प्रत्यक्ष रूप से मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचाना तथा जल संरक्षण के प्रति समाज में चेतना और सहभागिता को बढ़ावा देना भी इसका मुख्य लक्ष्य था।


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